जानें, PM मोदी पर शत्रुघ्न सिन्हा के लगातार हमले और उसके सियासी मायने का पूरा सच
पटना : बिहार में पटना साहिब से भाजपा के सांसद और सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा सियासत में अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. बिहारी बाबू के नाम से फेमस शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी के दौर में चमकता सितारा थे. पार्टी के हर कार्यक्रम, बैठक, उत्सव और मंच पर उनकी उपस्थिति दर्ज […]
पटना : बिहार में पटना साहिब से भाजपा के सांसद और सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा सियासत में अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. बिहारी बाबू के नाम से फेमस शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी के दौर में चमकता सितारा थे. पार्टी के हर कार्यक्रम, बैठक, उत्सव और मंच पर उनकी उपस्थिति दर्ज होती थी. बदलते वक्त ने भाजपा के अंदर भी काफी राजनीतिक बदलाव ला दिये और उसका सीधा असर बिहारी बाबू पर भी पड़ा. बिहारी बाबू बाद के दिनों में अपनी ही पार्टी के कई नेताओं को ‘खुदगर्ज’ बताने लगे और अपने बयानों से ‘क्रांति ’ के पथ पर अग्रसर होने लगे. बिहारी बाबू ने पार्टी की दूसरी श्रेणी के नेताओं की कौन कहे, शीर्ष नेतृत्व पर हमेशा सवाल उठाने लगे. उन्होंने अपनी ‘शान’ में सही हमेशा अपने आपको ‘बेताज बादशाह’ माना और पार्टी के अंदर उनके ‘जानी दुश्मन’बढ़ने लगे.
Humble appeal to our one man show & two man army. Please return "home" to Delhi, if we've exhausted all our tricks, tantrums, wrong statements & tall promises. Time to also bring back the ministers,ministries & Govt. sitting in Gujarat & fighting amongst themselves to get credit
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 13, 2017
अभी हाल में दूसरे चरण के मतदान से ठीकदो दिन पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा है. शत्रु ने मोदी और शाह की लीडरशीप पर वार करते हुये कहा कि उनका ‘वन मैन शो’ और ‘टू मैन आर्मी’ से निवेदन है कि दिल्ली वापस आ जाये. शत्रुघ्न ने कहा है कि अगर आपकी सारी चालें, नखरे, गलत बयानी और बड़े-बड़े वायदे खत्म हो गये हों तो वापस दिल्ली चले आये. समय आ गया है कि सारे मंत्री, जो गुजरात में बैठे हुए हैं और क्रेडिट लेने के लिये आपस में ही लड़े रहे हैं, उन्हें भी वापस लाया जाये.
…If we are victorious, we know you shall get full credit..but if we are not, then who will take the rap? There's an old saying – "Taali kaptaan ko to gaali bhi kaptaan ko". Hope wish and pray that we get only Taalis in Gujarat elections. Jai Hind!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 13, 2017
दूसरे ट्वीट में शत्रुघ्न सिन्हा ने गुजरात चुनाव के नतीजों पर बात की. उनके अनुसार अगर चुनाव में जीत हुई तो प्रधानमंत्री को पूरा क्रेडिट मिलेगा, लेकिन अगर जीत नहीं हुई तो जिम्मेदारी किसकी बनेगी. किसके सिर इल्जाम होगा. शत्रुघ्न सिन्हा के अनुसार एक पुरानी कहावत है कि ताली कप्तान को तो गाली भी कप्तान को. मैं कामना करना हूं कि गुजरात में पार्टी को सिर्फ ताली मिले. अगर इस चुनाव में हार हुई तो उन्हें अपशब्द सुनने के लिए भी तैयार रहना होगा. राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें, तो शत्रुघ्न सिन्हा को मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद कई मामलों में दरकिनार कर दिया गया है. पार्टी के किसी राज्य में चुनाव प्रचार होने पर प्रचारकों की वीवीआइपी लिस्ट में शामिल होने वाले बिहारी बाबू अब कहीं भी प्रचार करने नहीं जाते हैं. भाजपा ने उन्हें संगठन के साथ सरकार में भी कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी है. यही कारण की शत्रु गाहे-बगाहे अपनी सियासी तीरंदाजी जारी रखते हैं.
Congratulations Mr. K P Oli, President of UML party on winning the elections in Nepal. The sweeping victory was well deserved. Wishing you great success & greater future. All the best for creating a road map for new Nepal & larger interest of good Indo Nepal relations. Long live!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 14, 2017
शत्रु ने इससे पूर्व 29 सितंबर 2017 को यशवंत और अरुण जेटली प्रकरण में भी सरकार को निशाने पर लिया था. ट्वीट कर लिखा था कि अर्थव्यवस्था के हालात पर यशवंत सिन्हा के विचार का मैंने और दूसरे विचारवान नेताओं ने भरपूर समर्थन किया है. हमारी पार्टी के लोग और बाहरी लोग भी उनके साथ हैं. हालांकि इस मुद्दे को यशवंत सिन्हा और सरकार या यशवंत सिन्हा और जेटली के बीच का मुद्दा बनाकर खत्म नहीं किया जाना चाहिए, जैसा कि कोशिश हो रही है. अन्यथा जगजीत सिंह के शब्दों में ‘बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी’. इस लोकतंत्र के माननीय प्रधानमंत्री के लिए ये सही वक़्त है कि वो सवाल-जवाब के लिए जनता और प्रेस के सामने आएं. उम्मीद और दुआ करता हूं कि कम से कम एक बार हमारे पीएम ये दिखाएं कि वो मिडिल क्लास, कारोबारियों और छोटे व्यापारियों की चिंता करते हैं.
People ask about state of education, about Farmers' health, "Vikas" and promise of Acche Din – how soon, when, where? Why don't we mention Acche Din in campaigns?
Some of the questions of citizens, of friends from the opposition and also from within must be answered…Jai Hind! .— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 2, 2017
शत्रु ने एक नवंबर 2017 कोपीएम मोदीद्वारादीवाली पर दिये गये भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक क्या प्रयास किए हैं ये जानने के लिए कि उनके कुछ नेताओं के विचार भिन्न क्यों हैं? शत्रु ने कहा कि पीएम मोदी ने दीवाली मिलन में कहा था कि उनके कुछ लोगों के विचार अलग हैं. मैं विनम्रता से यह पूछना चाहता हूं कि क्या कभी किसी ने ये जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों है. क्यों कुछ नेताओं के विचार अलग हैं.शत्रुघ्न सिन्हा ने बातों ही बातों में पीएम मोदी को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह तक डे डाली. उन्होंने कहा कि आत्मनिरीक्षण की जरूरत है. जो लोग सत्ता में हैं उनके द्वारा उन ‘कुछ लोगों’ के लिए अभी तक क्या कोशिश की गयी है? या फिर ऐसा है कि बस उन्हें उपयोग करके छोड़ दिया जाये.
इसीकड़ी में सिन्हा ने आने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए कहा था कि क्षतिपूर्ति करने के लिए अभी भी समय है, विशेषकर गुजरात और हिमाचल में चुनाव होने वाले हैं. जितनी जल्दी क्षतिपूर्ति होगी उतना ही अच्छा होगा. 14 नवंबर को बिहारी बाबू ने पीएम के फिलीपिंस यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि बहुत प्रशंसा करते हैं कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई नई पहल की है और बहुत देशों का दौरा कर रहे हैं, जिसमें लेटेस्ट फिलीपिन्स दौरा है. आशा और प्रार्थना करते हैं कि कम से कम इस बार यह दौरा अच्छा नतीजा देगा और यह केवल एक फोटो खिंचवाने वाला दौरा बनकर नहीं रह जायेगा. आशा करता हूं किसी को आपत्ति नहीं होगी क्योंकि वैसे भी हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं क्यों सही कहा न? जय हिंद.
…back burner, we must focus on our promises made to people of Gujarat & to the success of the Gujarat model – if any. Must move ahead with our real & only true agenda – of Development- even if it's with(or without) problems of Notebandi & complicated GST. Jai Gujarat, Jai Hind!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 1, 2017
शत्रु ने एक भी ऐसा मौका नहीं छोड़ा जिसमें पीएम मोदी के बारे में कुछ कहने का अवसर मिले, 15 नवंबर को ट्वीट करते हुए शत्रु ने कहा कि क्या गले लगाओ व्यापार, फोटो खिंचवाना, खेती के बारे में सीखना और न सीखना काफी है? गुजरात विधानसभा चुनावों का पीएम को याद दिलाते हुए सिन्हा ने लिखा कि भारत के विकास का इकलौते एजेंडे के साथ कम से कम चुनावों के इस महत्वपूर्ण समय में वापस आ जाइए साहिब और देश के लिए और उसकी प्रगति के लिए काम करते हैं. बहुत सारा प्यार, जय हिंद.
At Diwali Milan, PM @narendramodi stated that “SOME of our own people are not on the same page".My humble submission! Has somebody tried 1>2
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) October 31, 2017
शत्रु ने 18 नवंबर 2015 पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सीधा हमला करते हुए कहा कि ‘निहित स्वार्थ’ वाले लोग बिहार चुनावों में मिली हार से सबक सीखने से इनकार कर रहे हैं. इसके साथ ही सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी में भी इतनी हिम्मत या डीएनए नहीं है कि मुझे निशाने पर ले सके. सिन्हा ने कहा कि साझा जिम्मेदारी का ‘छद्मावरण’ अस्वीकार्य है और सुधारात्मक कार्यवाही के लिए लोगों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. लोकसभा के सांसद सिन्हा ने पार्टी की सतत आलोचना करने के कारण अपने खिलाफ की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का उपहास उड़ाया और कहा कि नासमझ लोगों द्वारा कार्रवाई की बात करना महज गीदड़ भभकी है. शत्रु ने जब भी मौका मिला केंद्र सरकार और पीएम मोदी को ट्वीट के जरिये निशाने पर लिया और सियासत की भाषा में कहें, तो पार्टी के लिए हमेशा ‘कालिया ’ बने रहे.
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