!!संजीत उपाध्याय!!
आरा : रेलवे में कार्यरत कर्मियों की काम के दौरान मौत होने पर अब पूरे सम्मान के साथ उनके शव को ताबूत में रखकर घर भेजा जायेगा. कर्मी के अंतिम संस्कार में डीआरएम सहित मंडल के वरीय अफसर भी शामिल होंगे. भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कार्य के दौरान मरनेवाले रेलकर्मियों के घर डिवीजन के वरीय अफसर जायेंगे. अब तक यह सम्मान देश की सेवा में शहीद होनेवाले सैनिकों को ही मिलता है, लेकिन अब रेलकर्मियों को भी यह सम्मान दिया जायेगा. अब तक कार्य के दौरान मरनेवाले कर्मियों के शव को कपड़े में लपेटकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया जाता है. वहीं से परिजन शव को अंतिम संस्कार करने के लिए ले जाते थे. स्थानीय स्तर के अधिकारी मौके पर जाकर खानापूर्ति कर चले आते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
एंबुलेंस से पहुंचाया जायेगा शव, एक माह में दी जायेगी नौकरी
रेलकर्मियों के साथ अगर कोई घटना होती है तो उन्हें एंबुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाया जायेगा. इसकी सारी व्यवस्था रेलवे करेगी. मृतक के आश्रितों को एक सप्ताह के अंदर मिलनेवाली राशि दे दी जायेगी. वहीं एक माह के अंदर अनुकंपा पर नौकरी भी दे दी जायेगी. ईस्ट सेंट्रल कर्मचारी यूनियन बक्सर शाखा के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि यह फैसला कर्मियों के हित में है. यूनियन इसका स्वागत करती है. लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी.
मिलेगा पूरा सम्मान
कार्य के दौरान मरनेवाले रेलकर्मियों को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी. इसमें मैं खुद शामिल रहूंगा. किसी कारणवश शामिल नहीं होने की स्थिति में संबंधित विभाग के वरीय अधिकारी रहेंगे. इस पर जो भी खर्च आयेगा, रेलवे उसका वहन करेगा.
रंजन प्रकाश ठाकुर, डीआरएम, दानापुर डिवीजन