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बिहार : स्कूलों में नामांकन के लिए रेंडम सेलेक्शन प्रक्रिया से अधिकारी तक अनजान

पटना : राजधानी के स्कूलों में प्रवेश कक्षाओं में नामांकन के लिए प्रक्रिया निर्धारित है, लेकिन नामांकन के लिए बच्चों (उम्मीदवार) के चयन की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है. कुछ स्कूल लॉटरी अथवा रेंडम सेलेक्शन कर चयनित बच्चों की सूची तैयार करते हैं तो कुछ स्कूलों में अभिभावकों के साथ इंटरेक्शन कर बच्चों का चयन किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2017 7:21 AM
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पटना : राजधानी के स्कूलों में प्रवेश कक्षाओं में नामांकन के लिए प्रक्रिया निर्धारित है, लेकिन नामांकन के लिए बच्चों (उम्मीदवार) के चयन की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है. कुछ स्कूल लॉटरी अथवा रेंडम सेलेक्शन कर चयनित बच्चों की सूची तैयार करते हैं तो कुछ स्कूलों में अभिभावकों के साथ इंटरेक्शन कर बच्चों का चयन किया जाता है. कुछ स्कूल बच्चों की पात्रता जांचते हैं जबकि आरटीई के प्रावधानों के तहत रेंडम सेलेक्शन की प्रक्रिया तय की गयी है. शिक्षा विभाग की मानें, तो स्कूल प्रावधानों की अनदेखी करते हैं जिसे अब सख्ती से निबटा जायेगा.
– डीएवी में जांच की जाती है बच्चों की पात्रता: दूसरी ओर डीएवी स्कूल में प्रवेश कक्षाओं में नामांकन के लिए बच्चों की पात्रता जांच की जाती है. डीएवी इंद्रपुरी की प्राचार्या सरिता कुमारी ने बताया कि आरटीई के तहत आवेदन करनेवाले बच्चों को स्कूल में बुला कर विभिन्न खिलौने, रंग आदि दिखाये जाते हैं. इस जांच के आधार पर उनका चयन किया जाता है. जबकि आरटीई के प्रावधानों को देखा जाये, तो बच्चों की किसी तरह की जांच नहीं करनी है.
किस स्कूल ने क्या कहा
स्कूल में नये सत्र में प्रवेश कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दी गयी है. उसमें नामांकन के लिए बच्चों के चयन की प्रक्रिया का भी उल्लेख है.
-फादर आर्मस्ट्रांग, प्राचार्य, संत माइकल स्कूल
नये सत्र के लिए नामांकन संबंधी पूरी जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर उपलब्ध है. बच्चों का सेलेक्शन किस विधि के माध्यम से किया जाता है, वेबसाइट पर अपलोड की गयी नोटिस में इसकी भी जानकारी दे दी गयी है.
-सिस्टर मेरी अल्फोंसा, डॉन बास्को स्कूल
इस मसले पर अभी हम कुछ नहीं बता सकते हैं.
-सिस्टर जेस्सी, प्राचार्या, नोट्रेडम एकेडमी
कैसे होता है सेलेक्शन, वेबसाइट पर स्पष्ट नहीं
रेंडम सेलेक्शन के लिए लॉटरी अथवा कोई अन्य विधि अपनायी जाती है. इस सवाल पर स्कूलों का यही जवाब है कि उनकी वेबसाइट पर समुचित जानकारी अपलोड कर दी गयी है, लेकिन वेबसाइट पर जो जानकारी है, उस पर रेंडम सेलेक्शन की विधि स्पष्ट नहीं है. उदाहरण के लिए शहर के बड़े स्कूलों में माने जानेवाले संत माइकल हाई स्कूल और डॉन बास्को स्कूल की वेबसाइट देखी जा सकती है.
संत माइकल हाई स्कूल की वेबसाइट पर लिखा है कि कमेटी द्वारा चयन किया जाता है. जबकि डॉन बास्को स्कूल की ओर से लॉटरी या रेंडम सेलेक्शन (लॉटरी) के माध्यम से चयन किये जाने की बात कही गयी है.
– आरटीई के तहत क्या है प्रावधान: शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम-2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में सभी सीटों पर बच्चों का एडमिशन रेंडम सेलेक्शन से ही किया जाना है.
सेलेक्शन मैनुअल लॉटरी अथवा कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के माध्यम से किया जाना है. इसके लिए स्कूल को एक कमेटी का भी गठन करना है, जिसमें स्कूल के अलावा अभिभावक, मीडिया, शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना है.

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