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11 दिन के बच्चे का कोरोना टेस्ट, आपरेशन कर डाॅक्टरों ने बचायी जान

आइजीआइएमएस के डाॅक्टरों ने मदर्स डे के अवसर पर रविवार को एक नवजात बच्चे की जान बचाकर उसकी मां को बड़ा तोहफा दिया है. नवजात शिशु की जन्म से ही आंत उल्टी थी, जिसके कारण वह मां का दूध भी नहीं पी पा रहा था. यहां के डाॅक्टरों ने आॅपरेशन कर इसे ठीक कर दिया.

पटना : आइजीआइएमएस के डाॅक्टरों ने मदर्स डे के अवसर पर रविवार को एक नवजात बच्चे की जान बचाकर उसकी मां को बड़ा तोहफा दिया है. नवजात शिशु की जन्म से ही आंत उल्टी थी, जिसके कारण वह मां का दूध भी नहीं पी पा रहा था. यहां के डाॅक्टरों ने आॅपरेशन कर इसे ठीक कर दिया. इस आॅपरेशन के साथ ही पूरे आइजीआइएमएस में हर्ष की लहर दौड़ गयी. सफल आॅपरेशन की सूचना मिलते ही बच्चे की मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गये. उसने डाॅक्टरों से कहा कि जिंदगी भर वह डाॅक्टरों के इस एहसान को नहीं भूलेगी. 11 दिन के इस नवजात शिशु का अगर समय पर आॅपरेशन नहीं होता तो इसकी जान जा सकती थी.

सबसे रोचक बात यह रही कि नवजात राज्य में सबसे कम उम्र में कोरोना टेस्ट करवाने वाला बन गया है. उसमें कोरोना के कोई लक्षण तो नहीं थे, लेकिन आइजीआइएमएस के नियमों के तहत हर भर्ती होने वाले मरीज का कोरोना टेस्ट होता है. इसलिए इसका भी टेस्ट लिया गया और जब रिपोर्ट निगेटिव आयी तब जाकर आॅपरेशन शुरू किया गया. शेखपुरा जिले के काकई अरियारी गांव निवासी सोनेलाल कुमार के इस बच्चे का नाम अभिमन्यु है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक जन्म से ही बच्चा मां का दूध नहीं पी रहा था. जब उसे जर्बदस्ती लिक्विड पिलाया जाता था, तो पेट फूल जाता था और कुछ देर के बाद उल्टी कर देता था. जन्म के दो दिन बाद ही उसे बिहारशरीफ के एक निजी क्लिनिक में ले जाया गया. आठ दिन वहां रखने के बाद परिवार को उसकी बीमारी के बारे में बताया गया.

इसके बाद उसे शनिवार शाम आइजीआइएमएस लाया गया. यहां पेडियाट्रिक्स सर्जरी के एचओडी डाॅ विजेंद्र कुमार की यूनिट ने देखा. शिशु को दवा और पानी चलाकर आॅपरेशन के लिए तैयार किया गया और रविवार की सुबह उसका कोरोना टेस्ट लिया गया. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दो घंटे तक जटिल आॅपरेशन कर उसकी उल्टी आंत को डाॅक्टरों ने सीधा किया. आॅपरेशन के बाद मरीज को सर्जिकल एनआइसीयू में रखा गया है. आॅपरेशन करने वाली टीम में पेडियाट्रिक सर्जरी से डाॅ संदीप कुमार राहुल, डाॅ दिगंबर, डाॅ सुजीत कुमार और एनिस्थिसिया से डाॅ मनीषा और डाॅ विवेक शामिल थें.

कोट आइजीआइएमएस में 11 दिन के नवजात शिशु का जटिल आॅपरेशन रविवार को किया गया. उसकी आंत उल्टी थी, जिसे सर्जरी कर सीधा किया गया है. यहां के डाॅक्टरों ने शिशु की जान बचाकर उसकी मां को मदर्स डे का तोहफा दिया जो कि सबसे नायाब है. इसके साथ ही ये नवजात राज्य में कोरोना टेस्ट करवाने वाला सबसे कम उम्र का मरीज बन चुका है. उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आॅपरेशन किया गया था.- डाॅ मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीआइएमएस पटना

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