बिहार-झारखंड की सीमा पर 11 पुलिस कैंप बनेंगे, स्थल चिह्नित

बिहार में नक्सल गतिविधियों को रोकने के लिए झारखंड की सीमा से सटे राज्य के दुर्गम इलाकों में 11 नये सुरक्षा कैंप बनाये जायेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 12:50 AM

संवाददाता, पटनाबिहार में नक्सल गतिविधियों को रोकने के लिए झारखंड की सीमा से सटे राज्य के दुर्गम इलाकों में 11 नये सुरक्षा कैंप बनाये जायेंगे. इन कैंपों के लिए स्थल चिह्नित कर लिया गया है. जंगलों के बीचों-बीच और दुर्गम पहाड़ियों में पहले से सात बने फॉरवर्ड ऑपरेशन कैंप के साथ इनके बनने पर सुरक्षा कैंपों की संख्या बढ़ कर कुल 18 हो जायेगी. गृह विभाग के मुताबिक फॉरवर्ड कैंपों की स्थापना से बिहार पुलिस को नक्सलियों के शरण स्थल को नष्ट करने में काफी हद तक सफलता मिली है. इसका परिणाम रहा कि 2024 लोकसभा आम चुनाव में नक्सल से संबंधित एक भी घटना नहीं हुई.

सीएपीएफ की दो बटालियन वापस मांगे, 55 जगहों पर मोबाइल टावर लगाने का अनुरोध :

बिहार सरकार ने नक्सलरोधी अभियान लगातार चलाये रखने के लिए अन्यत्र जगह भेजी गयीं सीएपीएफ की दो बटालियन वापस देने और नक्सल प्रभावित पांच जिलों में प्रतिनियुक्त एएसपी अभियान की प्रतिनियुक्ति अवधि को विस्तारित करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है. इसके साथ ही दूरस्थ पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में संचार व्यवस्था के लिए 55 चिह्नित स्थलों पर मोबाइल टावर की स्थापना कराये जाने का अनुरोध भी किया है. मोबाइल टावर प्रोजेक्ट फेज वन के तहत 250 चिह्नित साइट के 4जी में अपग्रेडेशन के लिए दिसंबर 2023 से कार्य प्रारंभ होना था, जो अब तक नहीं हुआ है.

उत्तर बिहार में नक्सल गतिविधियों पर लगा पूर्ण विराम :

गृह विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उत्तर बिहार में नक्सलियों की गतिविधियों पर पूर्ण विराम लग गया है. वर्तमान में नक्सल गतिविधियां मुख्य रूप से झारखंड सीमावर्ती दो क्षेत्रों गया-औरंगाबाद बिहार झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी और जमुई-लखीसराय-मुंगेर पूर्वी बिहार पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी में ही केंद्रित है. सरकार ने माओवादियों के वित्त पोषण के मुख्य स्त्रोत अफीम की अवैध खेती पर कड़ी चोट की है. इसके चलते 2022-23 में लगभग 1183 एकड़ तथा 2023-24 में लगभग 2523 एकड़ अफीम की अवैध खेती को नष्ट किया गया. कारगर अभियान के चलते नक्सलियों द्वारा लेवी-रंगदारी वसूली के मामलों में भी कमी आयी है.

यूएपीए व पीएमएलए के तहत 11.70 करोड़ की संपत्तियां जब्त, चीता दल की संख्या हुई 34

सरकार ने यूएपीए के प्रावधानों का उपयोग कर 2012 से 2018 तक 32 मामलों में नक्सलियों के विरुद्ध 6.75 करोड़ की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया गया है. वहीं, पीएमएलए के तहत 14 मामलों में 8.97 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्ती को लेकर इडी को प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें 4.98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त भी कर ली गयी है. नक्सलरोधी अभियान के लिए एसटीएफ के कमांडो को आधुनिक शस्त्र एवं उपकरणों से लैस किया गया. एसटीएफ में कार्यरत चीता दल की संख्या मात्र नौ से बढ़ा कर 34 कर दी गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version