कीमतें घटीं लेकिन ग्राहकों को फायदा नहीं

जीएसटी की नयी दरें लागू हुए हो गया एक माह से अधिक वक्त, कुछ पर ही नयी एमआरपी पटना : जीएसटी की नयी दरें लागू हुए एक माह से अधिक वक्त गुजर गया है. लेकिन घटी दरों का फायदा पूरी तरह अब तक ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर दुकानदारों व ग्राहकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2017 8:05 AM
जीएसटी की नयी दरें लागू हुए हो गया एक माह से अधिक वक्त, कुछ पर ही नयी एमआरपी
पटना : जीएसटी की नयी दरें लागू हुए एक माह से अधिक वक्त गुजर गया है. लेकिन घटी दरों का फायदा पूरी तरह अब तक ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर दुकानदारों व ग्राहकों के बीच आये दिन वाद-विवाद हो रहा है.
ग्राहक नयी दरें लागू हाेने की दुहाई दे रहे हैं. वहीं दुकानदार अपना पक्ष रख रहे हैं. ग्राहकों को कुछ सामान नयी कीमत पर मिल रहा है, तो कुछ पुराने दाम पर ही. जीएसटी की नयी दरें 15 नवंबर से लागू हुई थीं. सरकार ने उस समय कहा था कि कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी.
सरकार ने साबुन, चॉकलेट, शैंपू, टूथपेस्ट, वाशिंग पाउडर, रेजर, ब्लेड, डिओड्रेंट के अलावा लेदर बैग, सूटकेस, इलेक्ट्रिक वस्तुओं आदि की जीएसटी दर 28 फीसदी से 18 फीसदी कर दिया है. प्रभात खबर ने मंगलवार को यह जानने का प्रयास किया कि बाजार में घटे जीएसटी का फायदा आमलोगों को मिल रहा है या नहीं. पड़ताल में पाया गया कि अब भी पुरानी कीमत वाले उत्पाद अधिक हैं. वहीं गिने-चुने उत्पादों पर नये एमआरपी अंकित हैं.
किसी ने दाम घटाये तो कोई दे रहा ऑफर : कुछ कंपनियां ग्राहकों को जीएसटी का फायदा दे रही हैं, तो कुछ ऑफर. व्हील और गाइड वाशिंग पाउडर के दाम घटे हैं. तो कुछ कंपनियाें के शैंपू के दाम भी घटे हैं.
वहीं लक्स साबुन की कीमत भी कम हुई है. पियर्स ने अपने साबुन का वजन बढ़ दिया है. 75 ग्राम के बदले ग्राहकों को 100 ग्राम वजन का साबुन दे रही है. हाॅर्लिक्स और बॉर्नविटा पांच फीसदी कम करके दुकानदारों को सप्लाई कर रही हैं. इसका लाभ कुछ ही दुकानदार दे रहे हैं. पतंजलि जैसी देशी कंपनी ने न क्रीम के दाम को घटाया है और न ही शैंपू का.
क्या कहते हैं ग्राहक : कंकड़बाग की निवासी पुष्पा ने बताया कि व्हील वाशिंग पाउडर के दाम घटे हैं, लेकिन मारगो साबुन का रेट पुराना ही है. जब दुकानदार से पूछा तो उन्होंने कहा कि अब तक नये रेट वाला साबुन बाजार में आया ही नहीं है. इसके इतर कदमकुआं के अवधेश यादव ने बताया कि दुकानदार ने हॉर्लिक्स की प्रिंट कीमत से पांच फीसदी कम लिया है.
एक से दो माह लग सकता है समय :
बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने कहा कि नयी एमआरपी वाला सामान आने में एक से दो माह का समय लगेगा.

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