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उद्यमियों को बैंक कर्ज पर 10 प्रतिशत ब्याज अनुदान : सुशील मोदी

पटना : बिहार उद्यमी संघ की ओर से आयोजित ‘युवा उद्यमी सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार आइटी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, एपरल और लेदर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नयी नीति के तहत बैंक से कर्ज लेने पर 10 प्रतिशत ब्याज अनुदान, जीएसटी […]

पटना : बिहार उद्यमी संघ की ओर से आयोजित ‘युवा उद्यमी सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार आइटी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, एपरल और लेदर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नयी नीति के तहत बैंक से कर्ज लेने पर 10 प्रतिशत ब्याज अनुदान, जीएसटी की पुर्नवापसी, ईपीएफ और ईएसआई की 50 प्रतिशत राशि तथा बिहार के लोगों को रोजगार देने पर प्रति कर्मचारी 20 हजार रुपये का अनुदान देगी. युवा उद्यमियों का आह्वान करते हुएउन्होंने कहा कि नौकरी करने वालों से दूसरों को रोजगार देने वाला श्रेष्ठ होता है. पिछले 25-30 वर्षों में दुनिया काफी बदल चुकी है. एक उद्यमी के लिए अनंत आकाश खुला हुआ है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा, बैंकों की ओर से सर्विस, ट्रेडिंग और विनिर्माण प्रक्षेत्र को 2016-17 में 14,861 करोड़ का ऋण दिया गया है. 2017-18 में 17 हजार करोड़ का कर्ज सीसी लिमिट या अन्य माध्यमों से दिया जायेगा. भारत सरकार की मुद्रा और सीजीएमडीसी स्कीम के तहत भी उद्यमियों को अधिक से अधिक ऋण दिया जायेगा. बिहार में मल्टी स्टोरिज इंडस्ट्रीयल पार्क के जरिये प्रदूषणविहीन उद्योग को फ्लोर स्पेश उपलब्ध करा कर जमीन के अभाव का समाधान किया जायेगा.

सुशील मोदी ने कहा, नयी औद्योगिक नीति 2016 के तहत पिछले 15 महीने में राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद को निवेश के 652 प्रस्ताव मिले. जिनमें से 539 को प्रथम चरण की स्वीकृति मिल चुकी है. इसके जरिये करीब 5 हजार करोड़ का पूंजी निवेश होगा. वित्तीय प्रोत्साहन के लिए आये 72 में से 55 को निवेश पर्षद की सहमति प्राप्त हो चुकी हैं. जिनमें से 14 लग चुके हैं या लगने के अंतिम चरण में हैं. 1002 करोड़ के 3 सीमेंट कारखाने के प्रस्ताव के अलावा अन्य छोटे निवेश के प्रस्ताव हैं.

डिप्टी सीएम ने कहा, स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 2016-17 में वेंचर फंड हेतु बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट को 50 करोड़ उपलब्ध कराया गया है. स्टार्टअप के लिए आॅनलाइन मिले 3751 प्रस्ताव में से 22 को प्रथम किस्त के रूप में 55 लाख दिया जा चुका है. इस योजना के अंतर्गत सरकार अधिकतम 10 लाख रुपये 10 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के तौर पर देगी. स्टार्टअप नीति के तहत 5 वर्षों तक किसी संस्थान की जांच नहीं की जायेगी तथा औद्योगिक प्रांगण में उन्हें 10 प्रतिशत स्थान देने के साथ विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत लाइसेंस व निबंधन से उन्हें 5 वर्षों तक छूट दी जायेगी. बीआईए और बीईए के सहयोग से दो इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर सरकार की ओर से 2.95 करोड़ उपलब्ध कराये गये हैं.

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