ब्रिज कोर्स के जरिये तैनात होंगे डॉक्टर

75% पद हैं रिक्त, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में आयुर्वेद के डाॅक्टरों को रखा जायेगा पटना : स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डाॅक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए आयुर्वेद के डाॅक्टरों को रखा जायेगा. आयुर्वेद के डाॅक्टरों को ब्रिज कोर्स करा कर उन्हें तैनात किया जायेगा. वे कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर कहलायेंगे. वे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2017 6:58 AM
75% पद हैं रिक्त, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में आयुर्वेद के डाॅक्टरों को रखा जायेगा
पटना : स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डाॅक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए आयुर्वेद के डाॅक्टरों को रखा जायेगा. आयुर्वेद के डाॅक्टरों को ब्रिज कोर्स करा कर उन्हें तैनात किया जायेगा. वे कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर कहलायेंगे. वे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करेंगे तथा उनका इलाज भी. जनवरी से इनकी ट्रेनिंग होगी. पचास डाॅक्टरों का अभी चयन किया गया है. इग्नू के माध्यम से इनको ट्रेनिंग मिलेगी.
राज्य में 10 हजार से अधिक हेल्थ सब सेंटर हैं. यहां पर एएनएम की तैनाती होती है. हेल्थ सब सेंटर पर अब ब्रिज कोर्स किये आयुर्वेद डाॅक्टरों की तैनाती होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर एनआरएचएम के कार्य में कुछ परिवर्तन किया गया है उसकी बदली हुई कार्ययोजना के तहत इनकी तैनाती होगी. जानकार बताते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई संगठनों के सर्वे में यह बात सामने आयी कि अब लोग बीमारियों से कम मर रहे हैं.
उसकी जगह वातावरण व जीवन शैली में हो रहे बदलाव के कारण होनेवाली बीमारियों से अघिक मर रहे हैं. लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो, यह मौजूदा समय की मांग है. इस समय कम्युनिटी हेल्थ का कंसेप्ट काफी लोकप्रिय हो रहा है.
एनआरएचएम में भी कम्युनिटी हेल्थ को अपनाया गया है. इसका कोर्स पांच साल का होता है. अभी अपने यहां इसकी पढ़ाई नहीं के बराबर होती है. पांच साल के समय को पूरा करने के लिए ब्रिज कोर्स के जरिये पूरा किया जायेगा. राज्य स्वास्थ्य समिति ने अभी ब्रिज कोर्स के लिए 50 आयुर्वेद डाॅक्टरों का चयन किया है.
जनवरी से इग्नू के माध्यम से इनको ट्रेनिंग मिलेगी. चयनित जो डाॅक्टर सरकारी सेवा में हैं उन्हें प्रशिक्षण अवधि में वेतन मिलेगा, लेकिन जो सरकारी सेवा में नहीं है उनको ट्रेनिंग के दौरान 10 हजार रुपया मासिक मिलेगा. प्रशिक्षण के बाद उनको तैनात किया जायेगा. ये लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे, साथ ही इलाज भी करेंगे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हर तीन-चार महीने पर नियमित तौर पर डाॅक्टरों का सलेक्शन कर उन्हें इग्नू सेे ब्रिज कोर्स कराया जायेगा.
राज्य में डाॅक्टरों की कमी है. राज्य में डाॅक्टरों के 11,373 पद स्वीकृत हैं इसमें 7,843 सामान्य व 3,526 विशेषज्ञ डाॅक्टर हैं. राज्य में तीन हजार के करीब डाॅक्टर तैनात हैं. राष्ट्रीय मानक के अनुसार 3500 की आबादी पर एक डाॅक्टर होना चाहिए. संविदा पर स्वीकृत डाॅक्टरों में भी 540 पद रिक्त हैं.

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