कॉलेज ऑफ कॉमर्स में प्रो शांडिल्य व टीपीएस में उपेंद्र प्रसाद सिंह बने प्राचार्य
50 हजार से अधिक के माल पर ई-वे बिल जरूरी प्रशिक्षण. चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दी ट्रेनिंग पटना : चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के अंतर्गत बनाये जाने वाले ई-वे बिल के संबंध में कार्यशाला के तीसरे दिन एडवोकेट, एकाउंटेंट, टैक्स कंसलटेंट को चैंबर प्रांगण में प्रशिक्षण दिया गया. […]
50 हजार से अधिक के माल पर ई-वे बिल जरूरी
प्रशिक्षण. चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दी ट्रेनिंग
पटना : चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के अंतर्गत बनाये जाने वाले ई-वे बिल के संबंध में कार्यशाला के तीसरे दिन एडवोकेट, एकाउंटेंट, टैक्स कंसलटेंट को चैंबर प्रांगण में प्रशिक्षण दिया गया. इस मौके पर चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बताया कि एक फरवरी 2018 से जीएसटी के अंतर्गत यदि कोई व्यवसायी 50 हजार से अधिक का माल मंगाता या भेजता है तो इसके लिए उन्हें ई-वे बिल भेजना आवश्यक होगा.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वाणिज्य–कर विभाग के पदाधिकारी में अपर आयुक्त संतोष कुमार, शंकर मिश्रा आदि मौजूद थे. चैंबर की ओर से महामंत्री अमित मुखर्जी, नवीन कुमार मोटानी, आलोक पोद्दार, मनोज आनंद, बिहार कॉमर्शियल टैक्सेज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीबी गुप्ता एवं महामंत्री पीके मिश्रा, इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के पूर्व अध्यक्ष राजेश खेतान, उपाध्यक्ष मेहताब आलम के साथ–साथ काफी संख्या में चार्टर्ड एकाउंटेंट, एकाउंटेंट एवं टैक्सेसन के अधिवक्ता इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभान्वित हुए.
चैंबर अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले से ही वाणिज्य-कर विभाग की पूरी टीम, विभाग के मंत्री से लेकर सभी अधिकारियों ने आज तक चैंबर को अपना पूर्ण सहयोग किया है. उसी कड़ी में तीन दिन का इ-वे बिल प्रशिक्षण का कार्यक्रम चैंबर प्रांगण में किया गया.
पीपीटी से समझायी तकनीक
कार्यक्रम में वाणिज्य-कर विभाग के ई-वे बिल बनाने के एक्सपर्ट सहायक वाणिज्य–कर आयुक्त बीरेंद्र कुमार सिंह एवं वाणिज्य-कर पदाधिकारी प्रशांत कुमार झा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से व्यवसायियों को ई-वे बिल निकालने हेतु विस्तार पूर्वक बताया गया. उन्होंने एक ई-वे बिल निकाल कर एवं उसे रद्द करके बताया. उन्होंने बताया कि 30 सेकेंड में एक ई-वे बिल निकाल सकते हैं, परंतु इसके लिए जो व्यवसाय करते हैं, उन्हें पूर्व से मास्टर बनाकर रखना होगा. इसमें व्यवसायी एडमिनिस्ट्रेटर होगा. यदि कोई आदमी काम छोड़ जाते हैं तो पासवर्ड चेंज कर पहले वाले को निष्क्रिय किया जा सकता है. व्यवसायियों को प्रतिदिन एसएमएस के माध्यम से का बने बिल, रद्द बिल व सामान भेजने का अलर्ट आयेगा. उन्होंने बताया कि यदि कोई आम नागरिक ई-वेल बिल बनाना चाहे तो उसे आधार नंबर के साथ बना सकते हैं.