कौशल विकास कार्यक्रमों में गुणवत्ता का अभाव : प्रो मुचकुंद

पटना : वर्तमान शिक्षा व्यवस्था भी औद्योगिक विकास को अवरुद्ध कर रहा है, क्योंकि इसमें कौशल विकास पर बल नहीं है. वर्तमान में कौशल विकास पर जो काम चल रहे हैं, उसमें गुणवत्ता का अभाव है. अत: इसमें सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता है. यह बात देश के पूर्व विदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2017 2:22 AM

पटना : वर्तमान शिक्षा व्यवस्था भी औद्योगिक विकास को अवरुद्ध कर रहा है, क्योंकि इसमें कौशल विकास पर बल नहीं है. वर्तमान में कौशल विकास पर जो काम चल रहे हैं, उसमें गुणवत्ता का अभाव है. अत: इसमें सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता है. यह बात देश के पूर्व विदेश सचिव व सामाजिक उत्थान परिषद के अध्यक्ष प्रो मुचकुंद दूबे ने कही.

वह शनिवार को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से एसोसिएशन हॉल में आयोजित देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. विषय था-भारत एक नयी औद्योगिक नीति की ओर. उन्होंने वर्ष 1948 में स्वतंत्र भारत की प्रथम औद्योगिक नीति के गठन से लेकर अब तक की नीति की चर्चा की. इस क्रम में दुनिया के विभिन्न क्षेत्र व भारत में निर्धारित होनेवाली औद्योगिक विकास की नीति के कारकों पर भी प्रकाश डाला.

प्रो दूबे ने कहा कि औैद्योगिक विकास के लिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देन पर बल देते हुए कहा कि इससे मांग का सृजन होगा. औद्योगिक विकास के लिए मांग का सृजन जरूरी है. एमएमएमइ क्षेत्र को मजबूत करने के लिए समर्पित वित्तीय संस्थानों की स्थापना जरूरी है. साथ ही देश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन जरूरी है.

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