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बिहार व समाज का विकास करते रहेंगे: मुख्यमंत्री

350वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह का उद्घाटन पटना : बिहार में समाज सुधार का काम चल रहा है. न्याय के साथ विकास के पथ पर बिहार अग्रसर है. शराबबंदी पूरी मुस्तैदी से लागू की गयी है. शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चल रहा है. पूरा विश्वास […]

350वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह का उद्घाटन

पटना : बिहार में समाज सुधार का काम चल रहा है. न्याय के साथ विकास के पथ पर बिहार अग्रसर है. शराबबंदी पूरी मुस्तैदी से लागू की गयी है. शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चल रहा है. पूरा विश्वास है कि गुरु कृपा से बिहार के विकास को गति मिलेगी. श्रद्धालुओं से आशीर्वाद मांग रहा हूं कि मजबूती से जिस अभियान में हमलोग लगे हैं, उसमें सफल हों. बिहार एक गरीब राज्य है, पिछड़ा राज्य है, यदि सेवा में कोई कमी रह गयी होगी तो हमलोगों को माफ कीजियेगा. संभव हुआ तो इसे दूर करने की कोशिश करूंगा. यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 350वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह का उद्घाटन करने के बाद कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना साहिब का तख्त श्री
बिहार व समाज का…
हरिमंदिर साहिब, पटना सिटी का गुरुबाग पटना का बाललीला साहब, दानापुर का हांडी साहिब, गायघाट का गुरु तेगबहादुर साहिब गुरुद्वारा, राजगीर का गुरुनानक कुंड, मुंगेर का गुरु पच्चीस संगत के अलावा आरा, कटिहार, नवादा, गया, सासाराम एवं भागलपुर के अन्य गुरुद्वारों एवं धार्मिक स्थलों को एक साथ जोड़कर गुरु सर्किट के विकास का निर्णय बिहार सरकार ने लिया है. गुरु के बाग के समीप बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र की स्थापना की जायेगी, जो आने वाली पीढ़ी दश्मेश पिता के त्याग एवं बलिदान से सीख लेगी और मत्था टेकेगी. देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इन सारी जगहों का एक साथ भ्रमण करने का मौका मिलेगा.
समारोह का शुभारंभ अरदास और गुरुवाणी से हुआ. इसके बाद तख्त श्रीहरिमंदिर पटना साहिब द्वारा मुख्यमंत्री को सरोपा, गुलदस्ता और प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से बहुउद्देशीय प्रकाश केंद्र और उद्यान निर्माण योजना का शिलान्यास किया. गुरु सर्किट पर आधारित कॉफी टेबुल बुक और गुरु गोविंद सिंह महाराज के जीवन पर आधारित कॉफी टेबुल बुक के हिंदी संस्करण का विमोचन भी किया. मुख्यमंत्री सहित सभी धर्मगुरुओं ने एक साथ हाथ उठाकर उपस्थित लोगों को मानवता का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जन्म स्थली पटना साहिब है और यहां भव्य तरीके से प्रकाश पर्व का आयोजन हो रहा है. यह बिहारवासियों के लिए भी गौरव की बात है.
कार्यक्रम को चिदानंद स्वामी, जैन धर्म के प्रतिनिधि आचार्य लोकेश मुनि, जत्थेदार इकबाल सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता एसएस अहलूवालिया, केंद्रीय राज्य मंत्री शहरी आवास एवं विकास विभाग सरदार हरदीप सिंह पुरी, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर उपस्थित थे.
इस दौरान उत्कृष्ट योगदान और समर्पित सेवा भावना के लिए पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, बिहार के पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग, पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर, जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज, आईपीएस सुश्री स्याली धूरत को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. इस दौरान पर्यटन विभाग के सचिव पंकज कुमार ने प्रतीक चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया, जबकि दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से कुलमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री को सरोपा और पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया. स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री को शॉल और पौधा भेंट किया.
केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
350वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह के अवसर पर पटना पहुचे केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में नीतीश कुमार से मुलाकात की. उन्होंने इस समारोह का सफल आयोजन के लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. सीएम ने उन्हें फुलों का गुलदस्ता, प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया. इस अवसर पर बिहार राज्य योजना पर्षद के सदस्य संजय झा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे.
बिहार के प्रति लोगों की सोच बदली
सीएम ने कहा कि इस प्रकाश पर्व में बिहारवासियों की सेवा भावना देखकर आने वाले श्रद्धालुओं की न सिर्फ सोच बदली बल्कि बिहार के प्रति उनकी जो सोच थी, वह भी बदल गयी. उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी समारोह भी मनाया जा रहा है. हमलोग प्रेम और सद्भाव का संदेश देना चाहते हैं. जैसा कि लोकेश मुनी जी और चिदानंद स्वामी जी ने बताया कि बिहार में समाज सुधार का काम चल रहा है. कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बाईपास स्थित टेंट सिटी में सामूहिक लंगर भी छका. उन्होंने लंगर में अपनी सेवा भी दी. तख्त हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारा जाकर मत्था टेका.
चारा-घोटाला RC 64A/96
आरसी 20ए/96 में लालू को मिला था कैदी नंबर 3312
जेल में रहने तक लालू प्रसाद की यही पहचान थी
रांची : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद लालू को कैदी नंबर 3312 मिला था. सीबीआइ के तत्कालीन न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत ने चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20ए/96 में 30 सितंबर 2013 को अपना फैसला सुनाया था. उन्होंने लालू प्रसाद सहित कुल 45 को दोषी करार दिया था. दोषी करार दिये जाने के बाद लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया था. जेल अधिकारियों ने जेल मैनुअल के प्रावधानों के तहत दोषी करार मुजरिमों को नंबर दिया. इसमें लालू प्रसाद को कैदी नंबर 3312 मिला था. जेल में रहने तक यही उनकी पहचान थी.
45 को सजा सुनायी गयी थी
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने जिन 45 अभियुक्तों को सजा सुनायी थी उसमें छह राजनेता, चार आइएएस अधिकारी, एक आइआरएस अधिकारी, पशुपालन विभाग के आठ, ट्रेजरी के एक और 25 सप्लायर शामिल थे. चारा घोटाले के इस मामले में जिन राजनेताओं को सजा सुनायी गयी थी उसमें लालू प्रसाद, डॉ जगन्नाथ मिश्र, डॉ आरके राणा, तत्कालीन पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, राजो सिंह, और ध्रुव भगत के नाम शामिल हैं.
उद्घाटन आरसी 20/96 से
रांची सिविल कोर्ट परिसर में बने पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कोर्ट रूम का उदघाटन चारा घोटाले की कांड संख्या आरसी 20ए/96 से हुआ था. सीबीआइ के तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पीके सिंह ने 30 सितंबर को मामले में दोषी
करार देने के बाद फैसला सुनाने के लिए तीन अक्तूबर की तिथि तय की थी. इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सहारे
बिरसा मुंडा जेल सेे लालू सहित अन्य अभियुक्तों की उपस्थिति दर्ज करवायी और सजा सुनायी.
आरसी 20ए-96
एक नजर में
11 मार्च 1996 : पटना हाइकोर्ट ने इस मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया
27 मार्च 1996 : सीबीआइ ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी की प्राथमिकी दर्ज की
23 जून 1997 : सीबीआइ ने आरोप-पत्र दाखिल किया, जिसमें लालू प्रसाद को आराेपी बनाया गया
5 अप्रैल 2000 : विशेष सीबीआइ कोर्ट में आरोप तय
5 अक्तूबर 2001 : सुप्रीम कोर्ट ने नया राज्य बनने के बाद इस मामले को झारखंड स्थानांतरित कर दिया
फरवरी, 2002 : रांची की विशेष सीबीआइ अदालत में सुनवाई शुरू हुई
13 अगस्त 2013 : सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के न्यायाधीश के स्थानांतरण की लालू प्रसाद की मांग खारिज की
17 सितंबर 2013 : विशेष सीबीआइ अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
30 सितंबर 2013 : बिहार के दो पूर्व सीएम लालू प्रसाद व जगन्नाथ मिश्र समेत 45 लोगों को सीबीआइ कोर्ट के न्यायाधीश ने दोषी ठहराया
3 अक्तूबर 2013 : सीबीआइ की अदालत ने लालू यादव को पांच साल के कारावास की सजा सुनायी.

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