पटना : राजद सुप्रीमो लालू यादव के जेल जाने के बाद उनकी जन्मकुंडली और ग्रहों के संयोग का अध्ययन चल रहा है. उनके जीवन काल और जन्म की तिथि के गहन अध्ययन के बाद जो परिणाम निकला है उसके मुताबिक लालू के पीछे सात अंकों का संयोग था और ग्रहों के जाल का जकड़न. लगातार सात अंकों के संयोग ने लालू का पीछा किया और आखिरकार वह जेल गये.
बिहार-झारखंड के जाने-माने ज्योतिष विद्य डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि लालू का पीछा अभी भी सात अंक कर रहा है. उन पर जब भी संकट के बादल छायेक्योंकि सात अंक का संयोग सामने आया. छात्र राजनीति से लेकर चारा घोटाले में जेल जाने के दौरान 7 अंक का जाल चारों तरफ से घिरा रहा. ज्योतिष विद्वानों का मत है कि शुक्र और राहु और शुक्र के साथ कई ग्रहों ने कारागार योग बनाने का काम किया है.
ज्योतिष विद्वान दैवज्ञ श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक लालू प्रसाद यादव 7 अंक से हमेशा प्रभावित रहे हैं. सिंह लग्न की कुण्डली का स्वामी सूर्य है जिससे लालू प्रसाद प्रतापी हुए और राजनीति में भी सफल नेता बनकर देश में उभरे हैं, लेकिन इसके बाद भी ग्रह बाधा के कारण समय-समय पर उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ज्योतिष विद्वान का मत है कि अगस्त 2015 से शुक्र की महादशा चल रही है. शुक्र दशम भाव में सूर्य के साथ और जब भी सूर्य के साथ कोई ग्रह आता है वह प्रभावहीन हो जाता है. शुक्र के साथ भी ऐसे ही हुआ है, वह सूर्य के कारण अस्त हो गया है. इतना ही नहीं लग्न के स्वामी जन्म से ही ग्रहण में हैं. राहु सूर्य के एक साथ होने से सूर्य ग्रहण योग लगता है.
ज्योतिष विद्वान का कहना है कि वर्तमान में राहु और शुक्र की युति के कारण अभोत्वक ग्रहण योग बन रहा है. राहु विच्छेदात्मक ग्रह है ये जिसके साथ रहता है उसकी प्रापर्टी को क्षरण करता है. शुक्र आधुनिकता सुख सम्पत्ति का बड़ा कारक है और राहु से इसकी युति होने से कारावास का योग बना है. ये स्थिति अगस्त 2018 तक अशुभ फल देने का योग बना रही है. 24 दिसंबर 2017 को सजा के दिन का योग 7 आ रहा है. 2013 में चारा घोटाले में 25 लाख जुर्माना में भी अंक का योग 7 आ रहा है.
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