हत्यारे की तलाश, गोवा में छापेमारी

पटना: मेरीन इंजीनियर सौरभ की हत्या की साजिश बहुत पहले ही बन चुकी थी. इसके लिए उसे फोन कर पटना बुलाया गया, पर हत्या के लिए सही जगह नहीं मिलने के कारण फिर उसे धनरूआ बुलाया गया. वहां पहले से मौजूद हत्यारों ने चिह्न्ति जगह पर बुला कर उसकी हत्या कर दी. सूत्रों के अनुसार, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2014 8:04 AM

पटना: मेरीन इंजीनियर सौरभ की हत्या की साजिश बहुत पहले ही बन चुकी थी. इसके लिए उसे फोन कर पटना बुलाया गया, पर हत्या के लिए सही जगह नहीं मिलने के कारण फिर उसे धनरूआ बुलाया गया.

वहां पहले से मौजूद हत्यारों ने चिह्न्ति जगह पर बुला कर उसकी हत्या कर दी. सूत्रों के अनुसार, पुलिस की एक टीम गोवा में संभावित जगहों पर छापेमारी की है. यही नहीं, सौरभ के हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर छापेमारी कर रही है. क्योंकि, चिह्न्ति मोबाइल का लगातार उपयोग होता रहा. हत्यारे उक्त मोबाइल के माध्यम से एक-दूसरे से संपर्क में थे, लेकिन शव मिलने के दो दिन पहले हत्यारों ने मोबाइल का उपयोग बंद कर दिया था. पुलिस के अनुसार हत्यारे का अंतिम लोकेशन गोवा का मिला है. इसके आधार पर पुलिस की एक टीम गोवा रवाना हुई है.

सूचना देने में हुई देरी
कटिहार पुलिस यदि समय पर जानकारी उपलब्ध कराती, तो सौरभ के हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में होते. सौरभ के गुमशुदा होने की रिपोर्ट 16 अप्रैल को ही दर्ज की गयी थी, लेकिन पुलिस ने उक्त रिपोर्ट को हल्के ढंग से लिया. सौरभ के पिता शंभू प्रसाद ने पुलिस पर मोबाइल लोकेशन जानने के लिए दबाव डाला. इसके बाद कटिहार पुलिस ने 17 अप्रैल को सौरभ का अंतिम लोकेशन धनरूआ बताया. मोबाइल लोकेशन मिलने के बाद भी कटिहार पुलिस ने पटना पुलिस से संपर्क नहीं किया, जिसके कारण हत्या के दस दिन बाद 24 अप्रैल को कुएं में सौरभ की लाश मिली. इस दौरान हत्यारे पुलिस की पकड़ से काफी दूर जा चुके थे.

एक माह पहले साजिश
पुलिस के अनुसार सौरभ की हत्या की साजिश एक माह पहले ही बन चुकी थी. हत्यारों को सौरभ के हर लोकेशन की पूरी जानकारी थी. मोबाइल के माध्यम से वह सौरभ को निर्देशित करता रहा. 11 अप्रैल को घर से निकलने के दौरान ही हत्यारों ने वापसी के दौरान उसे पटना आने के लिए कहा था. 13 अप्रैल को परीक्षा देने के बाद वह पटना वापस आया, जहां से वह हत्यारों के बुलावे पर धनरूआ पहुंचा. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि मोबाइल ट्रेस के आधार पर हत्यारों की पहचान की गयी है.

कुएं में मिला था शव
24 अप्रैल को धनरूआ के सोनमई गांव के चंवर स्थित कुएं से शव मिला. इसकी पहचान कटिहार के बनिया टोला निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक शंभूनाथ प्रसाद के बड़े पुत्र व मेरिन इंजीनियर कुमार सौरभ के रूप में की गयी. शव के बरामद होने की सूचना मिलने पर कटिहार से पटना पहुंचे सौरभ के पिता ने उसकी पहचान कपड़े व जूते से की. हालांकि हत्यारों ने साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जला दिया था. उसके पिता ने बताया कि सौरभ 11 अप्रैल को कटिहार स्थित आवास से आइबी की परीक्षा देने के लिए सियालदह के लिए निकला था. वह 12 अप्रैल को वहां पहुंचा था और उसने रेल के ही यात्री कक्ष में रात गुजारी थी. फिर 13 अप्रैल को अपने परीक्षा केंद्र पर गया था. 14 अप्रैल को जब परिजनों ने उसके मोबाइल पर कॉल किया, तो उसका स्विच ऑफ मिला. इसके बाद उसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. पिता ने 16 अप्रैल को कटिहार टाउन थाने में गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया. अगले दिन 17 अप्रैल को सियालदह में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया.

Next Article

Exit mobile version