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रुपाणी के शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश के शामिल होने के सियासी मायने

पटना : गुजरात में आज होने जा रहे नये मुख्यमंत्री और सरकार के शपथ ग्रहण समारोह मेंजदयूके राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास मौजूद रहेंगे. सीएम नीतीश कुमार के साथबिहारके उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी शपथ समारोह में शामिल होंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2017 11:06 AM

पटना : गुजरात में आज होने जा रहे नये मुख्यमंत्री और सरकार के शपथ ग्रहण समारोह मेंजदयूके राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास मौजूद रहेंगे. सीएम नीतीश कुमार के साथबिहारके उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी शपथ समारोह में शामिल होंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा राजग शासित दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री भी होंगे. जानकारी के मुताबिक, गुजरात में सीएम नीतीश की पीएम मोदी के साथ औपचारिक मुलाकात हो सकती है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई वर्षों के बाद मंगलवार को अहमदाबाद मेंमौजूद है. जहां वो विजय रुपाणी के नेतृत्व में नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो रहे है. इससे पूर्व नीतीश ने गुजरात चुनाव में जीत के बाद ट्वीट और फोन कर रूपाणी को बधाई दी थी. इस साल जुलाई में भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद और एनडीए में शामिल होने के बाद यह पहला मौका है जब नीतीश कुमार भाजपा के किसी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे.

राजनीतिजानकारों की मानेंतो 2013 तक जब नीतीश भाजपा के साथ सरकार चला भी रहे थे तब नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से दूर रहते थे. हालांकि नीतीश ने भी बिहार में 2007 से 2010 तक के विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रचार नहीं करने दिया. लेकिन, गठबंधन टूटने के बाद मोदी न केवल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने बल्कि प्रधानमंत्री भी बने और उसके बाद पार्टी के प्रचार का नेतृत्व किया.

राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि प्रधानमंत्री मोदी अब अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं और गुजरात के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद इस बात का अंदाजा हो गया है कि पटेल समुदाय का एक तबका भाजपा से नाराज चल रहा है.जानकारबताते है कि नीतीश भले कोई बड़ा असर नहीं डाल सकते, लेकिन नाराज पटेलों को शांत करने में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. वहीं, गुजरात में हो रहें शपथ ग्रहण समारोह को भाजपा का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है क्योंकि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ-साथ गठबंधन के शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो रहें हैं.

उल्लेखनीय है कि भाजपा से संबंध तोड़ने के चार साल बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने कुछ महीनों पहले ही फिर से राजग से हाथ मिलाया. उन्होंने प्रधानमंत्री के गृह राज्य मेंभाजपा के लिये आसान जीत की भविष्यवाणी की थी. मोदी तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हाल में हुए विधानसभा चुनावों को जीतकर भाजपा ने लगातार छठी बार गुजरात में सत्ता पर कब्जा किया है. पार्टी ने विजय रुपाणी को फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है.

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