मार्च तक 14,286 करोड़ रुपये खर्च कर सुधारी जायेंगी बिहार की सड़कें : सुशील मोदी

पटना : राजधानी में आर ब्लॉक से चिरैयाटांड़ पुल को जोड़नेवाले नये फ्लाई ओवर का उद्घाटन मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इसके बाद इस नये पुल को आम लोगों के लिए चालू कर दिया गया. इस पुल के चालू हो जाने से स्टेशन के सामने होनेवाले जाम से लोगों को काफी राहत मिलेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2017 7:39 PM

पटना : राजधानी में आर ब्लॉक से चिरैयाटांड़ पुल को जोड़नेवाले नये फ्लाई ओवर का उद्घाटन मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इसके बाद इस नये पुल को आम लोगों के लिए चालू कर दिया गया. इस पुल के चालू हो जाने से स्टेशन के सामने होनेवाले जाम से लोगों को काफी राहत मिलेगी. पुल के उदघाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव समेत कई लोग मौजूद थे.

नवनिर्मित स्टेशन रोड फ्लाईओवर के उद्घाटन के मौके पर सभा को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक समय था, जब राज्य की सड़कों के निर्माण पर 50 करोड़ भी खर्च नहीं होते थे, जबकि चालू वित्त वर्ष में 14,286 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, जो कुल योजना व्यय का लगभग 19 प्रतिशत है. सभी जिला मुख्यालयों को फोरलेन और अनुमंडल तथा प्रखंड को टू-लेन सड़कों से जोड़ने का काम प्रारंभ कर दिया गया है.

बीच के थोड़े समय के लिए पथ निर्माण विभाग के मंत्री बने कुछ लोग एनडीए के कार्यकाल में बनी तमाम सड़कों का श्रेय लेने लगे थे, अच्छा हुआ कि मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों की छुट्टी कर दी. ऐसे लोगों के परिवार ने ही एक समय बिहार की सड़कों को गढ्डों में तब्दील कर दिया था, मगर एनडीए के शासनकाल में न केवल बिहार में सड़कों का जाल बिछा, बल्कि अभी तो प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज की 53 हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं का विभिन्न स्तर पर काम शुरू हो चुका है.

महात्मा गांधी सेतु के समानांतर करीब पांच हजार करोड़ की लागत से आठ लेन पुल के निर्माण के लिए भारत सरकार ने डीपीआर की मंजूरी दे दी है. साथ ही महात्मा गांधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर को बदल कर 2020 तक उसे नया जीवन दे दिया जायेगा. जीरो माइल से मसौढ़ी तक फोर लेन सड़क का निर्माण कराया जायेगा, जबकि मसौढ़ी से डोभी तक फोर लेन का काम जारी है. पटना में फ्लाईओवर का जाल बिछ चुका है. पूरे बिहार में पुल-पुलियों व सड़क संरचना के जाल से विकास को गति मिली है.

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