profilePicture

कचरे से बनायी जायेगी अब 10 मेगावाट बिजली

पटना : शहर से निकलने वाले कचरे के निस्तारण व उसके सकारात्मक उपयोग पर अब जाकर काम शुरू होने की कगार पर आ रहा है. शहर के बाहर रामाचक बैरिया के 72 एकड़ में पूरा कचरा डंप किया जाता रहा है. इस पर नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से बुडको ने सुनील हाइटेक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2017 8:25 AM
पटना : शहर से निकलने वाले कचरे के निस्तारण व उसके सकारात्मक उपयोग पर अब जाकर काम शुरू होने की कगार पर आ रहा है. शहर के बाहर रामाचक बैरिया के 72 एकड़ में पूरा कचरा डंप किया जाता रहा है.
इस पर नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से बुडको ने सुनील हाइटेक कंपनी को कचरा से बिजली बनाने के लिए एग्रीमेंट किया था. पूरे प्रोजेक्ट पर पीपीपी मोड पर काम किया जाना है. वर्ष 2014 में ही कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया गया था, लेकिन प्रोजेक्ट रुक रहा था. अब जाकर प्रोजेक्ट मुहाने पर आया है. इस पर कंपनी जनवरी के काम शुरू कर रही है. कंपनी के प्रतिनिधि अजीत ने बताया कि जनवरी के दूसरे सप्ताह से काम शुरू हो जायेगा. दो वर्ष में प्रोजेक्ट पूरा हो जायेगा. 10 मेगावाट बिजली बनाने का काम किया जायेगा.
तीन वर्षों से अधिक पुराना है प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट पर सुनील हाइटेक कंपनी पटना ग्रीन एनर्जी के नाम से काम कर रही है. बिजली बनाने के लिए प्रतिदिन कंपनी को 600 टन से अधिक कचरे की जरूरत है. वहीं, नगर निगम प्रतिदिन 650 टन की औसत दर कचरा दे रहा है. इसके बावजूद कंपनी ने अपना प्रोजेक्ट नहीं लगाया है. इसकी लागत 230 करोड़ है. कंपनी के प्रतिनिधि अजीत ने बताया कि अब तक कंपनी को बैंक लोन नहीं मिला था, इस कारण थोड़ी समस्या आ रही थी. अब इसको पूरा किया जा रहा है.
अभी तक कचरे से पैसा बना रही है कंपनी
अभी तक कंपनी कचरा से बिजली बनाने के बदले निगम से कचरा खपाने के नाम पर पैसा बना रही है. इस बार कंपनी ने नगर निगम से कचरा लेने, कचरा की ढुलाई करवाने से लेकर रामाचक बैरिया में कचरा पहुंचाने के बावजूद महज सौ मीटर की दूरी पर कचरा डंप करने के लिए 33 लाख 97 हजार रुपये से का अधिक का बिल मई माह का दिया था.
मुख्य डंपिंग यार्ड में कचरे की जगह निगम का पैसा डंप हो रहा है. अक्तूबर से मार्च तक 12 करोड़ से अधिक के खर्च पर पूरे शहर का कचरा संग्रह कर मुख्य डंपिंग यार्ड मेंं निगम की ओर से पहुंचाने के बाद भी कंपनी ने केवल कचरा को वहीं डंप कर और उस पर मिट्टी डालने के नाम पर छह माह में लगभग 12 करोड़ 60 लाख से अधिक का बिल थमा दिया.

Next Article

Exit mobile version