बिहार : नौ जिलों में ओबीसी छात्रावास के नाम पर दिये गये हैं लाखों रुपये, सरकार ने लगाया ब्रेक
सख्ती : नौ जिलों में ओबीसी छात्रावास के नाम पर दिये गये हैं लाखों रुपये, पहले गुणवत्ता की होगी जांच पटना : पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के नाम पर निर्माण एजेंसियां व संबंधित अधिकारियों ने ऐसा गठजोड़ किया है, कि लाखों रुपये ठिकाने लगा दिये जा रहे हैं. इसका […]
सख्ती : नौ जिलों में ओबीसी छात्रावास के नाम पर दिये गये हैं लाखों रुपये, पहले गुणवत्ता की होगी जांच
पटना : पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के नाम पर निर्माण एजेंसियां व संबंधित अधिकारियों ने ऐसा गठजोड़ किया है, कि लाखों रुपये ठिकाने लगा दिये जा रहे हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण ओबीसी छात्रावासों के जीर्णोद्धार के नाम पर बजट देना है.
पिछले कुछ माह में छात्रावासों के जीर्णोद्धार के नाम पर पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने हाथ खोलकर पैसे बांटे हैं. विभागीय मंत्री बृजकिशोर बिंद के संज्ञान में मामला आया तो अधिकारियों की मंशा पर पानी फिर गया.
उन्होंने तत्काल प्रभाव से राशि खर्च करने पर रोक लगा दी है. बता दें कि इसका खुलासा प्रभात खबर ने ही किया था. भोजपुर के एक छात्रावास की स्थिति को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था. उसी के बाद अन्य छात्रावासों को लेकर मंत्री ने खुद जांच की, तो गुणवत्ता पर सवाल उठे. मंत्री बृजकिशोर बिंद भोजपुर में डेढ़ करोड़ की लागत से बने छात्रावास की हालत खुद देख चुके हैं.
छात्रावासों की स्थिति ठीक नहीं है. इसको लेकर अधिकारियों को अपने स्तर से जांच करानी चाहिए था. परंतु जीर्णोद्धार को लेकर और रुपये दे दिये गये. सरकारी पैसा का लाभ समाज को मिलना चाहिये. इस तरह खर्च करने से लाभ कुछ नहीं है. तमाम भवनों को लेकर निर्माण एजेंसी और विभाग के बीच लापरवाही बरती गयी है. इस पर भी मेरा ध्यान है. फिलहाल जीर्णोद्धार के लिए दी गयी राशि के खर्च करने पर रोक लगा दी है.
-बृजकिशोर बिंद, मंत्री, पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग