चारा घोटाला मामले में दोषी लालू प्रसाद यादव को सजा के पूर्व शुरू हुई तल्ख बयानबाजी, …पढ़ें किसने क्या कहा ?

पटना : चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये गये राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सजा मिलने के पूर्व ही बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. भाजपा और जदयू के नेताओं ने तल्ख बयानबाजी की है. एक ओर जहां विपक्षी नेता लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिये जाने को सही ठहराते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2018 3:30 PM

पटना : चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये गये राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सजा मिलने के पूर्व ही बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. भाजपा और जदयू के नेताओं ने तल्ख बयानबाजी की है. एक ओर जहां विपक्षी नेता लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिये जाने को सही ठहराते हुए कहा है कि यह उनके कर्मों का फल है, वहीं दूसरी ओर लालू समर्थक नेताओं ने न्यायालय पर भरोसा जताते हुए कहा है कि उन्हें अदालत से न्याय मिलेगा.

नीरज कुमार : लालू प्रसाद जी आप तो जेल में रहिएगा, लेकिन अपने घर में विभीषण को छोड़ दिया है. अदालत का फैसला आने के पूर्व ही अदालत पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है. जहां-जहां बाबा का चरण पड़ा है, वहां-वहां बरबादी ही हुई है.

निश्चित रूप से यह न्यायपालिका जैसी स्वतंत्र संस्था पर एक सीधा प्रहार है. साथ ही सामाजिक न्याय का पाखंड करनेवाले लोग जो संपत्ति सृजन में लगे रहते हैं, उनके राजनीतिक महापाप को जातीय आवरण में घेरने की कोशिश है, जो की दुखद है. उन्होंने कहा कि शिवानंद तिवारी जी के मन में लालूजी के परिवार के प्रति पुरानी दुश्मनी, घृणा का जो भाव था, आज उसका बेस्ट राजनीतिक सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया.

अजय आलोक : लालू प्रसाद यादव को मिली सजा उनके कर्मों का फल है. जेल में वह क्या करेंगे, क्या नहीं करेंगे, यह उन पर निर्भर करता है. राजद नेताओं पर कंटेप्ट का मामला दर्ज हो चुका है. इसके बावजूद ‘कुछ लोग’ ऐसे होते हैं, जो कभी सीधे नहीं होते.

अश्विनी चौबे : एक दिन फैसला टलने से लालू प्रसाद सजा से बच नहीं पायेंगे. फैसले के दिन परिवार वालों ने भी साथ छोड़ दिया. दर्जन भर बेटा-बेटी होते हुए भी लालू के साथ अदालत में एक भी खड़ा नहीं था.

रघुवंश प्रसाद : जनता के दबाव में विपक्ष को एकजुट करेंगे. ऊपरी अदालत में जाना कोर्ट का अवमानना नहीं है. लालू प्रसाद को सीबीआई ने फंसाया है. सीबीआई सरकार की कठपुतली की तरह काम करती है. फैसला जो भी हो, हमारे लिए ऊपरी अदालत का दरवाजा खुला है. राजद सख्ती से इन विरोधी ताकतों से सामना करेगी. हम इन बातों को जनता के बीच ले जायेंगे.

केसी त्यागी : जिस तरह की प्रतिक्रिया आयी है, वह तकलीफ देह थी. अदालत के फैसले को सभी लोगों को सिर झुका कर स्वीकार करना चाहिए. रघुवंश, मनोज झा, तेजस्वी आदि ने जिस तरीके से फैसले को परिभाषित किया, वह अपमानजनक था.

संजय सिंह : न्यायपालिका की अवमानना करने का हक आपको किसने दिया. अब नोटिस का जवाब दीजिए. जो किया उसी का फल पा रहे हैं. कोर्ट के फैसले का सम्मान सबको करना चाहिए. जो हाल लालू प्रसाद का हुआ है, वह शिवानंद तिवारी के कारण ही हुआ है.

तेज प्रताप यादव : न्यायालय में पूरी आस्था है. कोर्ट से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है.

रामचंद्र पूर्वे : न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. लालू जी को जमानत मिल जायेगी. लालू प्रसाद के साथ करोड़ों लोगों की दुआ है. हमारे पास तीन ‘होप’ है- ज्यूडिशियल होप, परमेश्वर होप और बिहार की करोड़ों जनता की होप.

शिवानंद तिवारी : लालू प्रसाद यादव जेल में हैं, उससे पार्टी डेमोलिश नहीं होनेवाली है. हम ‘इसको’ चुनौती की तरह लेंगे. हम लोग जनता के बीच में जाने की तैयारी कर रहे हैं. छह जनवरी को पार्टी की बड़ी मीटिंग होनेवाली है. इस मीटिंग में हमलोग कार्यक्रम तय करेंगे और लोगों के बीच जायेंगे.

Next Article

Exit mobile version