पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अवैध शराब कारोबार करने वाले माफिया और आपूर्तिकर्ताओं को पकड़ने पर जोर दिया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान नीतीश ने कहा कि अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वालों में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है, किंग पिन नहीं पकड़े जा रहे हैं.
सीएम नीतीश ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि जनमत आपके पक्ष में है, इस अवैध व्यवसाय में संलिप्त बड़े आपूर्तिकर्ताओं एवं माफिया को चिह्नित करके पकड़ना होगा और उनके पूरी व्यवस्था को ध्वस्त करना होगा. अगर दस-बीस आपूर्तिकर्ता पकड़े गये तो यह अवैध धंधा स्वत: ध्वस्त हो जायेगा. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अवैध शराब के व्यवसाय में संलिप्त लोगों, असामाजिक तत्वों एवं अपराधियों के विरुद्ध अनुसंधान, गिरफ्तारी, आरोप पत्र, विचारण की कार्रवाई त्वरित ढंग से कराना सुनिश्चित किया जाये एवं उनके द्वारा इस प्रकार के व्यवसाय से अर्जित संपति का अधिहरण अथवा राज्यसात किया जाये. उन्होंने निर्देश दिया कि उत्पाद विभाग द्वारा अनुसंधानित मामलों का पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध द्वारा सघन अनुश्रवण किया जाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग एवं जिला की मुख्य सड़कों पर अपराध नियंत्रण एवं शराब लदे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सीसीटीवी का अधिष्ठापन एवं में विशिष्ट कार्यवाही सुनिश्चित की जाये. उन्होंने कहा कि प्रत्येक गावों में ट्रांसफार्मर वाले खंभे पर पुलिस और मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग का नंबर अंकित कराया जाये, इसमें शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतकर्ता का फोन आने पर तुरंत कार्रवाई हो, शिकायतकर्ता के फोन आने पर कार्रवाई करने का प्रतिक्रिया समय निर्धारित हो.
नीतीश कुमार ने कहा कि सूचना तंत्र में चौकीदार को भी शामिल किया जाये और चौकीदार को भी उत्तरदायी बनाया जाये. उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सुधार का मुख्य बिंदू है. शराबबंदी के पूर्व लोग शराब पीकर अपनी सारी कमाई उड़ा देते थे, आज वही पैसा दूसरे काम में लग रहा है, इससे विकास दर भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में मद्य निषेध कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध बिहार, पटना के कार्यालय को आवश्यक मानव एवं भौतिक संसाधनों से लैस किया जाय.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध बिहार, पटना को आसूचना संकलन, संग्रहण एवं फीडबैक आदि संबंधित व्यवस्था के लिये आईटी विभाग द्वारा आधारभूत संरचना का निर्माण सुनिश्चित हो. बैठक में मेजर रोड पर सीसीटीवी कैमरा और आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग लगाने के संबंध में भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन मुख्य सड़कों पर यह जरूरी है, उसका विश्लेषण करके इसे लगवाया जाये. यह मद्यनिषेध के साथ-साथ अपराध नियंत्रण में भी उपयोगी साबित होगा.
बैठक में पुलिस विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतिकरण भी दिया गया. प्रथम प्रस्तुतिकरण मद्यनिषेध का दिया गया, जिसमें अब तक की सभी उपलब्धियों की बिंदुवार जानकारी दी गयी. वर्ष 2017 में केस में तीन गुना वृद्धि हुई, साथ ही साथ गिरफ्तारी में भी चार गुणा वृद्धि दर्ज की गयी. देशी शराब एवं विदेशी शराब की बरामदगी में भी कई गुणा वृद्धि हुई है. मुजफ्फरपुर जोन में ज्यादा शराब की बरामदगी हो रही है. थाने में जब्त की गयी शराब एवं इससे संबंधित चीजों को नष्ट करने में तीव्र गति लाने की जरूरत जतायी गयी, जिसके लिए जिला समाहर्ता की ज्यादा भूमिका है.
मुख्यमंत्री ने गृह एवं मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी को इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. बैठक के दौरान राज्य में बाहर से आने वाले शराब की जानकारी दी गयी, उसमें मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर एवं उत्तरी सीमा से सटे नेपाल शामिल है.
बैठक में पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, गृह एवं मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय एस के सिंघल सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे.