कॉमन स्कूल सिस्टम पर जवाब तलब

निर्देश. नहीं लागू करने को लेकर राज्य सरकार से चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट पटना : राज्य में कॉमन स्कूल सिस्टम लागू नहीं करने पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंड पीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2018 9:01 AM
निर्देश. नहीं लागू करने को लेकर राज्य सरकार से चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
पटना : राज्य में कॉमन स्कूल सिस्टम लागू नहीं करने पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंड पीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि समाज के बच्चों के बीच पनप रहे भेद भाव को देखते हुए राज्य में कॉमन स्कूल सिस्टम को लागू करने की बात कही थी ताकि सभी तबके के बच्चों को एक जैसा शिक्षा राज्य के विद्यालयों में उपलब्ध हो सके. याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया कि में इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने देश के पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की. कमेटी ने 8 जून 2007 को सरकार को अपना प्रतिवेदन दिया था, उसमें उन्होंने शिक्षा को मौलिक अधिकार मानते हुए बिहार में भी कॉमन स्कूल सिस्टम लागू करने की बात कही थी. मगर यह अभी तक लागू नहीं किया गया है.
नलकूप क्यों पड़े हैं खराब प्रधान सचिव दें जवाब
पटना. पटना हाईकोर्ट ने राज्य में सिंचाई कार्य के लिए लगाये गये नलकूपों के खराब होने पर प्रधान सचिव से एक सप्ताह में जवाब तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रधान सचिव को कहा कि वे इस मामले में स्वयं शपथ पत्र दायर कर स्थिति स्पष्ट करें. अदालत को बताया गया कि राज्य में सिंचाई कार्य के लिए दस हजार से भी अधिक नलकूप लगाये गये, लेकिन उनमें चार हजार से भी ज्यादा नलकूप खराब पड़े हुए हैं. इस कारण कृषि कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.
क्यों नहीं लगीं सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनें
पटना. पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि एनएमसीएच सहित अन्य अस्पतालों में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन क्यों नहीं लगाये गये हैं. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ इस संबंध में नागरिक अधिकार मंच द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने कहा कि सरकार स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब दे. अदालत को बताया गया कि अस्पतालों में मशीनें नहीं लगी हैं.
पटना : अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर नाराज पटना हाईकोर्ट ने जमुई के जिला कृषि पदाधिकारी के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की एकल पीठ ने निशात कमर द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता के पति जमुई प्रखंड में प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. वर्ष 2001 में नौकरी के दौरान उनकी मौत हो गई.
विभाग ने इन्हें एसीपी का लाभ नहीं दिया था. उनकी पत्नी ने उनकी मृत्यु के बाद एसीपी का लाभ देने के लिए एक रिट याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने 9 जनवरी 2014 को इनकी याचिका को मंजूर करते हुए इनके पति को एसीपी का लाभ देने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया था. तीन वजह पूरे हो जाने के बाद भी याचिकाकर्ता के पति को उसका लाभ नहीं मिला.
पटना : मनी लॉड्रिंग सहित कई अन्य मामलों में जेल में बंद विधान पार्षद रीतलाल यादव की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई आज अधूरी रही. जस्टिस एहसानउद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने विधान पार्षद रीतलाल यादव उर्फ रीतलाल प्रसाद सिंह की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई की.
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी हाईकोर्ट ने इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया था तथा राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि इनके विरुद्ध दायर मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई करे. याचिकाकर्ता की ओर से बुधवार को सुनवाई के क्रम में अदालत को बताया गया की इनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने सात मामले दर्ज किये थे, जिनसे दो मामलों में इन्हें बरी कर दिया गया है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया की याचिकाकर्ता की ओर से 463 गवाहों की सूची दी गयी है, जिनकी गवाही करायी जानी है.

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