पटना में बनता है जाली स्टांप, देश में होती है सप्लाई

नितिश पटना : जाली स्टांप बनानेवाले नेटवर्क के लिए पटना हमेशा से चर्चा में रहा है. पहले हुई घटनाएं इसकी गवाह हैं. इसमें पटना जाली स्टांप के करोड़ों के कारोबार के रूप में सामने आयी था. पकड़े गये लोगों से पुलिस को यह जानकारी मिली है कि प्रतिवर्ष 500 करोड़ के जाली स्टांप देश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2018 9:04 AM
नितिश
पटना : जाली स्टांप बनानेवाले नेटवर्क के लिए पटना हमेशा से चर्चा में रहा है. पहले हुई घटनाएं इसकी गवाह हैं. इसमें पटना जाली स्टांप के करोड़ों के कारोबार के रूप में सामने आयी था.
पकड़े गये लोगों से पुलिस को यह जानकारी मिली है कि प्रतिवर्ष 500 करोड़ के जाली स्टांप देश के कोने-कोने में वेंडरों के माध्यम से भेजे जाते हैं. खास बात यह है कि 100 रुपये के स्टांप पर वेंडर को 50 रुपये का फायदा होता है. प्रिंटिंग प्रेस में छपाई होने के बाद विभिन्न प्रकार के स्टांप जैसे एडहेसिब स्टांप, नन जूडिशियल स्टांप, नोटरी स्टांप आदि की सप्लाई बिहार के ग्रामीण इलाकों से लेकर उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल व मध्यप्रदेश आदि राज्यों में की जाती है. गिरोह के तार हर राज्य में हैं.
कुछ अन्य बरामदगी
– जून, 2013 में पटना पुलिस की टीम ने गर्दनीबाग इलाके में छापेमारी की थी और ब्रहमदेव झा को 21 लाख के जाली स्टांप के साथ गिरफ्तार किया था. निशानदेही पर आलमगंज थाना इलाके के महावीर कॉलोनी में स्थित प्रिंटिंग प्रेस का खुलासा किया था.
– मई, 2012 में पटना पुलिस ने बहादुरपुर थाना इलाके छापेमारी कर पांच करोड़ की कीमत के स्टांप की बरामदगी की थी. इस मामले में अर्जुन कुमार को गिरफ्तार किया गया था. इसने भी जानकारी दी थी कि यह बिहार के बाहर स्टांप की सप्लाई कर चुका है.
-सितंबर 2013 में हुई थी सबसे बड़ी बरामदगी : पटना के कंकड़बाग, पत्रकार नगर और बहादुरपुर के साथ ही कई अन्य इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर पुलिस की टीम ने 100 करोड़ के जाली स्टांप सितंबर, 2013 में बरामद किये थे. साथ ही प्रिंटिंग मशीन, स्टांप छापने में प्रयुक्त होनेवाली सादी शीट, नकली केवीपी, एनएससी व इंडियन करेंसी आदि की भी बरामदगी की गयी थी और 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पत्रकार नगर थाना इलाके के एक अपार्टमेंट में भी पुलिस ने छापेमारी की थी, लेकिन सरगना रंजीत कुमार पुलिस की पकड़ से बाहर है.
इस जाली स्टांप का रैकेट इंदौर तक फैला था. 2011 में इंदौर की पुलिस ने वहां मो लतीफ को 25 लाख के जाली स्टांप के साथ पकड़ा था. इसके बाद लतीफ से जानकारी मिली थी कि उसने वह स्टांप पटना के पप्पू उर्फशेखर से लिया था. इसके बाद इंदौर पुलिस पटना पहुंची थी और छापेमारी कर पप्पू उर्फ शेखर को गिरफ्तार कर ले गयी थी.
-बैंक कार्यालय में होता है स्पेशल एडहेसिव स्टांप का इस्तेमाल :स्पेशल एडहेसिव स्टांप का उपयोग आमतौर पर साधारण कानूनी प्रक्रिया में कोर्ट में नहीं होता है. इसका उपयोग केवल बैंक व अन्य कार्यालयों में होनेवाले कार्य के दौरान होता है.

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