लालू प्रसाद की बड़ी बहन का देहांत, सजा के ऐलान के बाद से सदमे में थी

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बहन का आज देहांत हो गया. चारा घोटाला के एक मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा लालू यादव को सजा सुनाये जाने के पहले राजद सुप्रीमो की बहन दिनभर उनकी रिहाई के लिए दुआएं मांगी थी. बताया जा रहा है कि लालू यादवको सजा सुनाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2018 12:50 PM

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बहन का आज देहांत हो गया. चारा घोटाला के एक मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा लालू यादव को सजा सुनाये जाने के पहले राजद सुप्रीमो की बहन दिनभर उनकी रिहाई के लिए दुआएं मांगी थी. बताया जा रहा है कि लालू यादवको सजा सुनाये जाने को लेकर सदमे में उनकी जान चली गयी. हालांकि मौत के पीछे के कारणों को लेकर अभी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं हुई है. इस घटना के बाद से लालू का परिवार शोकाकुल है. बुआ के निधन की खबर मिलते ही लालू के दोनों बेटे तेजस्वी-तेजप्रताप सर्वेंट क्वार्टर पहुंचे. उनके साथ उनकी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी थीं.

लालू प्रसाद यादव की इकलौती बहन गंगोत्री देवी पटना के वेटनरी कॉलेज स्थित सर्वेंट क्वार्टर में रहतीं थीं.यहींउन्होंने आखिरी सांसेंली. इसी क्वार्टर से 1990 में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद लालू प्रसाद ने छह महीने तक सरकार चलायी थी.बतायाजा रहा है कि लालू की बड़ी बहन पिछले कई दिनों से बीमार थीं, लेकिन वो अपने भाई के जेल जाने के बाद से लगातार सदमें में थी. गंगोत्री देवी के तीन बेटों में एक की मौत हो चुकी है, जबकि शेष दो बिहार पुलिस व रेलवे में नौकरी करते हैं. करीबियों के अनुसार लालू की बड़ी बहन को उनसे खासा लगाव था. लालू के जेल जाने के बाद से ही वो आधी रात को बिस्तर से उठ जाती थीं और रोते हुए भगवान से भाई की सलामती की गुहार लगाने लगाती थीं.

उल्लेखनीय है कि रांची स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत नेशनिवार को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद को चारा घोटाले में दूसरी बार आपराधिक षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार की धाराओं के तहतशनिवारको सजा सुनायी गयी. इससे पहले चारा घोटाले के ही चाईबासा कोषागार से जुड़े एक मामले में उन्हें तीन अक्तूबर, 2013 को भी इन्हीं धाराओं के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी थी. इस मामले में वे जमानत मिलने के बाद से जेल से बाहर निकल गये थे. कानूनी जानकारों की मानें तो इस बार लालू यादव को जमानत मिलना आसान नहीं होगा.

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