एक चादर को तरसती रही तुरबत मेरी

शाद अजीमाबादी के स्मृति पर्व पर चादरपोशी व सम्मान समारोह पटना सिटी : …करो वो काम, जो काम है कर गुरजने के, समझ लो शाद की दिन आ गये है, …परदा पोशाने वतन तुमसे तो यह भी न हुआ एक चादर को तरसती रही तुरबत मेरी, खान बहादुर नवाब सैयद मोहम्मद शाद अजीमाबादी की यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2018 8:15 AM
शाद अजीमाबादी के स्मृति पर्व पर चादरपोशी व सम्मान समारोह
पटना सिटी : …करो वो काम, जो काम है कर गुरजने के, समझ लो शाद की दिन आ गये है, …परदा पोशाने वतन तुमसे तो यह भी न हुआ एक चादर को तरसती रही तुरबत मेरी, खान बहादुर नवाब सैयद मोहम्मद शाद अजीमाबादी की यह शायरी उनकी मजार पर एक बार फिर याद की गयी.
मौका था 90 वें स्मृति पर्व पर सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था नवशक्ति निकेतन की ओर रविवार को आयोजित चादरपोशी समारोह का . हाजीगंज लंगुर गली स्थित मजार पर आयोजित समारोह में पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि शाद अजीमाबादी राज्य के गौरव हैं. शाद की स्मृति रक्षा के लिए सरकार हर संभव सहयोग करेगी.
मंत्री ने शाद की रचनाओं पर शोध की आवश्यकता जतायी. कार्यक्रम में महापौर सीता साहु व डॉ अनिल सुलभ ने अपने विचार रखते हुए शाद की रचनाओं को जीवन में उतारने पर बल दिया. कार्यक्रम का संचालन कमलनयन श्रीवास्तव व अतिथियों का स्वागत रजी अहमद ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत फूलमाला, चादरपोशी व फातिहा के साथ हुई. आयोजित कार्यक्रम में हिंदी साहित्य के लिए कवि समीर परमिल व उर्दू साहित्य के लिए डॉ एजाज अली अरशद को शाद अजीमाबादी सम्मान 2018 से नवाजा गया. साहित्य एवं समाजसेवी सम्मान मधुरेश नारायण व इम्तियाज करीमी को, गौहर शेखपूर्वी सम्मान शायर अहसन राशिद को दिया गया.
वक्तओं ने शाद की स्मृति में स्मारक बनवाने, स्मारक डाक टिकट जारी करने, शाद समग्र के तौर उनकी रचनाओं के प्रकाशन की मांग उठायी. आयोजन में शाद के परपोता डॉ नेसार अहमद एहसान अली अशरफ, योगेंद्र प्रसाद आजाद, शाह फैजरुर रहमान, शारीफ अहमद रंगरेज, रमेश चंद्र अंबष्ट, आनंद मोहन झा, राकेश कपूर, बबन प्रसाद वर्मा, लल्लू शर्मा,अनंत अरोड़ा, अनूप कुमार, पंकज पुजारी, परवेज अहमद, सूर्यकांत गुप्ता, गुरु चरण सिंह आशिक, अरुणा भारतीया, गुलाम मोहसिन जाफरी, आलोक चोपड़ा, सुनील कुमार, एसजी शरमत ईशाद अली, मिर्जा नसीम अख्तर व फिरोज हसन समेत अन्य थे. कार्यक्रम का समापन अकबर रजा जमशेद के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.

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