Loading election data...

बिहार में अगले तीन दिनों तक कुछ ऐसा रहेगा मौसम, पूर्णिया में पारा लुढ़कने से परेशानी बढ़ी

पटना : बिहार में लगातार ठंड से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. खासकर मजदूर तबके के लोग परेशान हैं. पूरे सूबे में शीत लहर और तेज हवाओं का चलना जारी है. गया का न्यूनतम पारा गिर कर पहुंचा 2.8 डिग्री एवं पटना का पारा 14 डिग्री सेल्सियस है. विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2018 6:24 PM

पटना : बिहार में लगातार ठंड से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. खासकर मजदूर तबके के लोग परेशान हैं. पूरे सूबे में शीत लहर और तेज हवाओं का चलना जारी है. गया का न्यूनतम पारा गिर कर पहुंचा 2.8 डिग्री एवं पटना का पारा 14 डिग्री सेल्सियस है. विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के प्रवेश करने से आने वाले तीन दिनों तक बिहार में ठंड का प्रकोप जारी रहेगा. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी हिमपात के कारण मैदानी इलाकों में कोहरे का कहर जारी है. विभाग की ओर से दी जा रही जानकारी के मुताबिक बिहार के सीमांचल और कोसी सहित बाकी जिलों में मौसम की स्थिति और भी प्रतिकूल बनी रहेगी, इसके लिए विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. सुबह में कोहरा छाये रहने के कारण विजीबिलिटी भी कम रहने का अनुमान है. ठंड से पूरी तरह लोग प्रभावित हुए हैं. ज्यादातर लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. ठंडी हवाओं ने लोगों को गर्म कपड़े में बंधे रहने को मजबूर कर दिया है. सोमवार को भी ठंड व कनकनी में कोई कमी नहीं हुई है.

मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले तीन दिनों तक शीतलहर से निजात नहीं मिलेगी और मौसस में कोई खास बदलाव नहीं होगा. रविवार को पटना में कोल्ड डे रहा. अधिकतम तापमान कम रहने की वजह से पटनावासी सिहरते रहे. रविवार को पटना शहर का न्यूनतम पारा आधा डिग्री लुढ़क गया और यह 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से 3 डिग्री से कम है. राजधानी का अधितकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम 14.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया.भागलपुर का न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री रहा.

वहीं सीमांचल के पूर्णिया में तीस सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. सोमवार को सुबह में जिले का तापमान1.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जो सामान्य स्तर से काफी कम है. ठंड की वजह से लोग घरों में दुबके हुए हैं. चारों ओर सन्नाटा पसरा है. मजदूरों की स्थिति खराब है. जगह-जगह लोग प्लास्टिक जलाकर आग सेंक रहे हैं. पूर्णिया में तीस साल पहले इस तरह का मौसम देखा गया था. सीमांचल के जिले नेपाल से नजदीक पड़ते हैं, इसलिए हिमालय का प्रभाव देखा जा सकता है. जिले के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है. स्थानीय मौसम विभाग का कहना है कि सूर्य के उत्तरायण होने और पश्चिमी विक्षोभ बदलने की निर्धारित तिथि 14 जनवरी है, उसके बाद ही मौसम में सुधार देखा जा सकता है.

यह भी पढ़ें-
इकलौती बुआ के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए तेज प्रताप-तेजस्वी, लालू हो सकते हैं नाराज, पढ़ें

Next Article

Exit mobile version