मनमानी फीस बढ़ानेवाले निजी स्कूलों पर क्या की कार्रवाई, सरकार दे जवाब

पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह चार सप्ताह में शपथ दायर कर यह बताये की निजी स्कूलों द्वारा समय-समय पर मनमानी फीस बढ़ोतरी पर क्या कार्रवाई की गयी है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2018 8:54 AM
पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह चार सप्ताह में शपथ दायर कर यह बताये की निजी स्कूलों द्वारा समय-समय पर मनमानी फीस बढ़ोतरी पर क्या कार्रवाई की गयी है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत को याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि राज्य के सभी निजी स्कूल मनमाने ढंग से हर साल अपने विद्यालय में पढ़नेवाले छात्रों की फीस में बढ़ोतरी करते हैं. सरकार इस संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाती.
खर्च संबंधी उपभोक्ता प्रमाणपत्र नहीं देने पर सभी विश्वविद्यालयों से मांगा गया जवाब : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को वर्ष 2007 में उपलब्ध कराये गये 230 करोड़ रुपये के अनुदान से संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सभी विश्वविद्यालयों को यह निर्देश दिया कि वह छह सप्ताह में शपथपत्र दायर कर स्थिति स्पष्ट करें.
पटना हाईकोर्ट ने आम जनता के पैसे को दाेगुना करने के नाम पर ठगने वाली चिटफंड कंपनियों पर की गयी कार्रवाई का ब्यौरा पेश करने का निर्देश रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ राज्य सरकार और राज्य की आर्थिक अपराध यूनिट को दिया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि चिटफंड कंपनियों पर की गयी कार्रवाई का पूरा विवरण छह सप्ताह में अदालत में उपलब्ध कराया जाये.
पूर्व मंत्रियों को बंगला खाली कराने संबंधी सुनवाई 23 को : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय सहित अन्य विधायकों और पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगला खाली कराने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. न्यायाधीश सुधीर सिंह की एकलपीठ ने विधान परिषद के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वह 23 तक अदालत में शपथपत्र दायर कर स्पष्ट करें कि मंत्री के आवास को कैसे उनके द्वारा किया गया, जबकि आवंटित करने का प्रावधान या अधिकार भवन निर्माण विभाग को है.
पटना हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है वह शपथ पत्र दायर कर अदालत को बतायें कि राज्य की होटलों में सुरक्षा देने के संबंध में उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गयी है.
न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने गीता तिवारी द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवायी करते हुये यह निर्देश दिया. अदालत को याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि पटना जंक्शन स्थित भव्या रीजेंसी होटल के कमरा नंबर 110 से कृष्ण भगवान तिवारी नामक व्यक्ति वर्ष 2015 में ही गायब हो गये. गायब होने से संबंधित एक मामला पटना की कोतवाली थाना में दर्ज कराया गया लेकिन अभी तक पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर पायी.

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