बिहार : बुजुर्गों के लिए आफत बन रही ठंड, शीतलहर ने बढ़ाया ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

पटना : शीतलहर में शरीर को गर्म न रखा जाये तो धमनियों में बहने वाला रक्त थक्के की शक्ल ले लेता है. जिसके चलते ब्रेन हैमरेज/ब्रेन स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ जाती है. पटना शहर भी इन दिनों शीतलहर की चपेट में है जिसके कारण इन दिनों ब्रेन हैमरेज के केस बढ़ गये हैं. नसों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2018 6:29 AM
पटना : शीतलहर में शरीर को गर्म न रखा जाये तो धमनियों में बहने वाला रक्त थक्के की शक्ल ले लेता है. जिसके चलते ब्रेन हैमरेज/ब्रेन स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ जाती है. पटना शहर भी इन दिनों शीतलहर की चपेट में है जिसके कारण इन दिनों ब्रेन हैमरेज के केस बढ़ गये हैं.
नसों में सिकुड़न हो जाती है, इसके कारण दिमाग में रक्त प्रवाह मंद हो जाता है. ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा ही गोल्डन आवर माना जाता है. अगर मरीज शरीर के अंग को टेढ़ा कर रहा है, उसके देखने, सुनने व समझने की क्षमता प्रभावित हो गयी हो तो फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं. न्यूरो रोग विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया िक विश्व में हर तीन मिनट में ब्रेन हेमरेज से एक व्यक्ति की मौत होती है.
आईजीआईएमएस के डॉ रत्नेश चौधरी ने बताया कि ठंड में खासकर बुजुर्गों में रक्त संचार धीमा हो जाता है. जाड़े के मौसम में नसों में खून के थक्के बन जाते हैं. यही खून के थक्के ब्रेन की नलियों को फाड़ देते हैं जिससे ब्रेन हेमब्रेज या ब्रेन स्ट्रोक होता है. जिन मरीजों को ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी होती है, उनमें ब्रेन स्ट्रोक का खतरा चार गुना बढ़ जाता है.
बुजुर्गों का रखें खास ख्याल
शीतलहर का यह मौसम बुजुर्गों के लिए आफत साबित हो रहा है. ब्रेन हेमरेज या दिमाग की नस फटने के मामले बढ़ गये हैं.आईजीआईएमएस के इमरजेंसी वार्ड में सात और आईसीयू में तीन मरीजों को भर्ती किया गया है. वहीं पीएमसीएच में भी ब्रेन हेमरेज के नौ मरीज आये हैं. सामान्यतौर पर इनमें तीन मरीजों का ही इलाज किया जाता है. डॉक्टरों ने बताया कि इस मौसम में हेमरेज के अलावा सीने में दर्द, अस्थमा और मानसिक रोग के मामले भी बढ़ जाते हैं.
ब्रेन हेमरेज का उपचार
कई ब्रेन हेमरेज अपने आप भी ठीक हो सकते हैं. उनको विशेष उपाय की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं ठंड के अलावा अधिकांश ब्रेन हेमरेज का कारण सर में चोट लगना भी होता है. इसलिए सर को बचाना जरूरी होता है. बच्चों में यह सावधानी और जरूरी है, क्योंकि उनका सर पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है.
बुजुर्गों को सलाह
ठंड में यह न करें
ठंडे पानी से स्नान नहीं करें
मॉर्निंग वॉक न करें
सुबह में बेड-कंबल से अचानक नहीं निकलें
मोजा और दस्ताने पहने रहें
ब्लड प्रेशर और शूगर की दवाओं का सही डोज लें, डॉक्टर से संपर्क करें

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