मोकामा-पटना पैसेंजर के फिटनेस के चेकअप में हो रही थी खानापूर्ति
मोकामा : मोकामा–पटना फास्ट पैसेंजर में अगलगी के मामले की जांच में रेलकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. इस ट्रेन के फिटनेस के चेकअप में महज खानापूर्ति हो रही थी. इससे रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ. वहीं, इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था. इस घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ […]
मोकामा : मोकामा–पटना फास्ट पैसेंजर में अगलगी के मामले की जांच में रेलकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. इस ट्रेन के फिटनेस के चेकअप में महज खानापूर्ति हो रही थी.
इससे रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ. वहीं, इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था. इस घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ जवानों व रेलकर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है, जिसको लेकर जिम्मेदार लोगों के हाथ-पांव फूल रहे हैं. बताया जा रहा है कि नियमित रूप से ट्रेन की जांच होती, तो यह हादसा टल सकता था. पैसेंजर ट्रेन यार्ड में रात 11:45 बजे पहुंची थी,जबकि हादसे की भनक तकरीबन 1:15 बजे सबसे पहले जीआरपी के एक जवान को लगी. उसने स्टेशन मास्टर को सूचना देकर राहत-बचाव का काम शुरू किया. इस बीच डेढ़ घंटे का फासला ट्रेन की फिटनेस चेकअप के लिए काफी कम माना जा रहा है. रेल सूत्रों की मानें, तो फिटनेस चेकअप के लिए दो रेलकर्मी ड्यूटी पर थे.
ट्रेन के ब्रेक, पहिया आदि की जांच में चार-पांच घंटे लग जाते हैं. इससे अनुमान लग रहा है कि दोनों रेलकर्मी खानापूर्ति कर चले गये थे. फिटनेस कार्य की माॅनीटिरिंग में स्थानीय अधिकारियों ने भी लापरवाही बरती. यदि दोनों ड्यूटी पर रहते, तो आग लगने का अविलंब पता चल सकता था. वहीं ट्रेन की चार बोगियां धू–धू कर जलने से बच जातीं. मालूम हो कि मंगलवार की देर रात मोकामा-पटना फास्ट पैसेंजर की चार बोगियां धू–धू कर जल गयी थीं. इस संबंध में स्टेशन प्रबंधक अजीत कुमार ने बताया कि घटना की जांच को गोपनीय रखा जा रहा है. एफएसएल की टीम ने बोगी की जांच कर नमूना लिया है. इससे आग लगने की वजह का पता चल सकेगी.