…तो दे दूंगा लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा : पप्पू यादव
पटना : जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सांसद पप्पू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि मैंने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिख कर पूछा है कि एक जनप्रतिनिधि के क्या अधिकार हैं? अगर मेरे द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब नहीं मिला, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. मुझे फंसाने में बिहार सरकार भी लगी है. […]
पटना : जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सांसद पप्पू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि मैंने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिख कर पूछा है कि एक जनप्रतिनिधि के क्या अधिकार हैं? अगर मेरे द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब नहीं मिला, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. मुझे फंसाने में बिहार सरकार भी लगी है. जब एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं किसी गरीब जनता की मदद ही नहीं कर सकता, तो ऐसे में हमारा जनप्रतिनिधि बने रहना ठीक नहीं है. हमारा जमीर और हमारी अंतरात्मा इस बात की इजाजत नहीं देते कि मैं जनप्रतिनिधि बना रहूं. आज मेडिकल माफिया और शिक्षा माफिया के कारण बिहार की जनता खतरे में है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वे कौन-सी शक्तियां हैं, जो पप्पू यादव को मरवाना चाहती हैं.
वहीं, पप्पू यादव ने सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों द्वारा उठाये गये सवाल पर कहा है कि अब देश की शीर्ष अदालत के न्यायमूर्तियों ने कहा है कि लोकतंत्र खतरे में है. बिहार तो लगातार 28 सालों से खतरे में है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायमूर्तियों द्वारा उठाये गये सवालों पर अविलंब लोकसभा सत्र बुला कर इस मुद्दे पर सदन में बहस की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सदन में ‘जनप्रतिनिधि के अधिकार क्या हैं?’ सवाल मैं उठाऊंगा. अगर मेरे सवालों को जवाब नहीं मिला, तो मैं वहीं पर इस्तीफा दे दूंगा और पप्पू यादव का इस्तीफा सदन को स्वीकार करना होगा.