मकर संक्रांति में ‘In Demand’ होता है भागलपुर का चूड़ा और गया का तिलकुट

मकर संक्रांति के त्योहार से मौसम में बदलाव की शुरुआत हो जाती है. इस दिन स्नान-दान का बहुत महत्व है. लोग सामूहिक रूप से इस त्योहार को मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. खासकर तिल से बने व्यंजन का प्रयोग तो पूरे देश में किया जाता है, मसलन तिल के लड्‌डू, तिलकुट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2018 5:16 PM

मकर संक्रांति के त्योहार से मौसम में बदलाव की शुरुआत हो जाती है. इस दिन स्नान-दान का बहुत महत्व है. लोग सामूहिक रूप से इस त्योहार को मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. खासकर तिल से बने व्यंजन का प्रयोग तो पूरे देश में किया जाता है, मसलन तिल के लड्‌डू, तिलकुट और गजक इत्यादि. बिहार-झारखंड में इस दिन चूड़ा- दही, तिलकुट और गुड़ से बने कई तरह के लड्‌डू (लाई) खाने की परंपरा है.

भागलपुर का चूड़ा है सबसे मशहूर
मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही खाने की परंपरा रही है. भागलपुर का कतरनी चूड़ा सिर्फ राज्य में ही नहीं पूरे देश में प्रसिद्ध है. यह चूड़ा बहुत ही सुंगंधित होता है और खाने में स्वादिष्ट होता है.
गया के तिलकुट की डिमांड प्रदेश से बाहर भी
मकर संक्रांति का तिलकुट विश्व प्रसिद्ध है. यहां के तिलकुट की सोंधी महक ही इसकी पहचान है. गया के तिलकुट की मांग प्रदेश से बाहर भी है और लोग इसे लेकर यहां से जाते हैं.
देवघर का दही
देवघर का दही बहुत ही प्रसिद्ध है. मकर संक्रांति के मौके पर यहां के दही की मांग बहुत ही बढ़ जाती है. लेकिन जो एक बार यहां की दही खा लेता है वह बार-बार उसे खाना चाहता है.

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