एक दूसरे से जुड़ हाईटेक होंगे देश भर के थाने

पटना : अपराधियों पर शिकंजा कसने के मकसद से देश भर के थानों को एक-दूसरे जोड़ने का काम शुरू हो गया. इसको लेकर शुरू हुई कवायद अब रफ्तार पकड़ने लगी है. बिहार सरकार ने भी इस योजना को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के चिह्नित 894 थानों को इसके लिए हाईटेक कर दिया है. यहां एक-एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2018 4:26 AM

पटना : अपराधियों पर शिकंजा कसने के मकसद से देश भर के थानों को एक-दूसरे जोड़ने का काम शुरू हो गया. इसको लेकर शुरू हुई कवायद अब रफ्तार पकड़ने लगी है. बिहार सरकार ने भी इस योजना को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के चिह्नित 894 थानों को इसके लिए हाईटेक कर दिया है. यहां एक-एक कंप्यूटर और इंटरनेट चलाने के लिये संसाधन उपलब्ध करा दिये गये हैं.

सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो जल्दी ही देश के अन्य राज्यों के थानों से बिहार के भी पुलिस थानों का ‘कनेक्शन’ हो जायेगा. इसके बाद किसी भी प्रदेश में बैठे पुलिसकर्मी दूसरे राज्यों के आपराधिक विवरण देख सकेंगे. अपराधियों के फोटो, उनके खिलाफ होनेवाले मामले आदि पर नजर रख सकेंगे. किसी तरह का अगर सुराग मिलता है, तो वह इंटरनेट के माध्यम से पहले अपने स्तर से संबंधित प्रदेश के थानों के लिंक पर जाकर जांच कर सकते हैं. इसके बाद जरूरत पड़ी तो आगे की कार्रवाई को अंजाम देंगे.

894 पुलिस थानों को मुहैया कराया गया कंप्यूटर और इंटरनेट के साधन

24 घंटे के भीतर हर रिकॉर्ड होगा अपलोड

l देश के िकसी भी अपराधी का बायोडाटा एक ही क्लिक पर होगा उपलब्ध

क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क सिस्टम के तहत जुड़ेंगे सभी थानों के कंप्यूटर

क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत देश के सभी थानों को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे से जोड़ना है. बिहार में यह काम स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के माध्यम से किया जा रहा है. जानकार बताते हैं के सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश पहले आ चुका है कि 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट दर्ज के मामले ऑनलाइन कर दिये जायें. ताकि, संबंधित व्यक्ति अपने केस को देख सके. उसका प्रिंट आउट निकाल सके. तमाम अपराधी एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में वारदातों को अंजाम देते हैं. कई बार अपराधियों के साथी दूसरे राज्यों की पुलिस के हाथों पकड़े जाते हैं. ऐसे में उस राज्य की पुलिस को संबंधित प्रदेश का दौरा करना पड़ता है. प्राथमिक स्तर पर अब ऐसा नहीं करना होगा. लिंक पर जाकर सारा ब्योरा देखा जा सकेगा. बड़े अपराधियों और मामलों का विवरण भी ऑनलाइन रहेगा. इससे जांच करने में आसानी होगी.

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