पटना : बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति के भोज का खासा महत्वरहा है. नीतीश कुमार का एनडीए में दोबारा शामिल होने और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के जेल जाने का खासा असर इस साल बिहार के सियासी भोज चूड़ा-दही पर दिख रहा है. महागठबंधन से नीतीश कुमार के अलग होने एवं जदयू का एनडीए में दोबारा शामिल होने के बाद इस बार मकर संक्रांति पर आयोजित दही-चूड़ा के सियासी भोज में 2019 के लोकसभा चुनाव का गणित भी दिखाई देने लगा. मकर संक्रांति के अवसर पर पिछले साल लालू यादव के हाथों से दही का तिलक लगवाने वाले नीतीश कुमार आज पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह द्वारा आयोजित भोज में शामिल हुए.उसके बाद एनडीए के घटक दल लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान और फिर भाजपा नेताओं द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल हुए. उधर, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के जेल जाने के कारण 10 सर्कुलर रोड सूना-सूना रहा.जबकि, कांग्रेस में संक्रांति भोज की कोई स्थापित संस्कृति नहीं रहने के कारण प्रदेश कार्यालय और प्रमुख नेताओं के यहां चहल-पहल नहीं दिखीं.
दरअसल, लोजपा प्रदेश कार्यालय में रविवार को मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया. इस भोज के आयोजन की मेजबानी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान, लोजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान, लोजपा प्रदेश अध्यक्ष व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, सांसद रामचंद्र पासवान ने किया.इस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेभी शिरकत की. लोजपा के भोज में शिरकत करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा एमएलसी रजनीश कुमार के आवास पहुंचे. यहां उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे. इसे लेकर एनडीए खेमे में एकजुटता के संदेश को लेकर चर्चाएं तेज हो गयी हैं.
विपक्षी महागठबंधन में पसरा सन्नाटा
मकर संक्रांति के अवसर पर बिहार में इस बार जहांएनडीए के घटक दलों के नेता सियासी चूड़ा-दही भोज का आयोजन कर रहे हैं, तो विपक्षी महागठबंधन के दलों के कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा. जदयू व भाजपा के नेता पांच साल बाद एक-दूसरे के भोज में शामिल हुए.वहीं, जदयू के भोज में राजद और कांग्रेस के नेताओं को नहीं देखा गया. गौर हो कि चारा घोटाले में सजा काट रहे लालूयादव के जेल में रहने और उनकी बहन की मौत के बाद उनके आवास 10 सर्कुलर रोड पर चर्चित ‘दही-चूड़ा भोज’ का आयोजन इस साल नहीं हो रहा है. उधर, कांग्रेस ने भोज नहीं आयोजित करने का मन बना लिया है. कारण कि बदलाव से गुजरी यह पार्टी अभी आमंत्रण यात्रा की तैयारी में खुद को व्यस्त बता रही है.हालांकि, कहायहभी जा रहा है कि राष्ट्रीय दल कांग्रेस में संक्रांति भोज की कोई स्थापित संस्कृति भी नहीं रही है.
कांग्रेस को नहीं मिला जदयू के भोज का आमंत्रण
कांग्रेस को भोज के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने बताया कि जदयू ने चूड़ा-दही भोज में पार्टी के नेताओं को नहीं बुला कर अपनी संर्कीण मानसिकता का परिचय दिया है. इससे यह साफ हो गया है कि जदयू मौका परस्त है.