गांवों में चलंत इकाई यूनिट लेकर जायेंगे होम्योपैथिक चिकित्सक
मुजफ्फरपुर के होम्योपैथिक कॉलेज से करार खुसरूपुर के दो गांवों का हुआ चयन पटना सिटी : ग्रामीणों व महादलित बस्ती के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया हो, इसके लिए अब होम्योपैथिक चिकित्सक गांवों में चलंत इकाई यूनिट लेकर जायेंगे. जहां मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा दी जायेगी. यह कार्य इसी माह के तीसरे […]
मुजफ्फरपुर के होम्योपैथिक कॉलेज से करार
खुसरूपुर के दो गांवों का हुआ चयन
पटना सिटी : ग्रामीणों व महादलित बस्ती के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया हो, इसके लिए अब होम्योपैथिक चिकित्सक गांवों में चलंत इकाई यूनिट लेकर जायेंगे. जहां मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा दी जायेगी. यह कार्य इसी माह के तीसरे सप्ताह से आरंभ हो जायेगा.
श्री गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल परिसर में संचालित केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, नयी दिल्ली की चिकित्सा सत्यापन इकाई होम्योपैथी के चिकित्सकों ने इसके लिए पटना जिला में खुसरूपुर प्रखंड की दो पंचायतों हरदास बिगहा व बैकटपुर का चयन किया है.
परिषद की ओर से इसके लिए दवा भी संस्थान को उपलब्ध करा दी गयी है. अब चलंत इकाई यूनिट का इंतजार है, जिसकी उपलब्धता होते ही गांव में कार्य आरंभ हो जायेगा. संस्थान के प्रभारी चिकित्सक डॉ कुमार केशव अविनाश बताते हैं कि उम्मीद है कि तीसरे सप्ताह से वहां शिविर लगा कर मरीजों का उपचार किया जायेगा.
होम्योपैथ के माध्यम से जटिल बीमारियों पर उपचार करने व अनुसंधान करने के लिए मुजफ्फरपुर में स्थित राय बहादुर टुनकी शाह होम्योपैथ मेडिकल कॉलेज में केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के साथ करार हुआ है. प्रभारी चिकित्सक की मानें, तो इस मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य व चर्म रोग संबंधी रोग पर कार्य होगा. इसके लिए करार हुआ है.
मेडिकल कॉलेज के अनुसंधानक इस पर कार्य करेंगे, जबकि चिकित्सासत्यापन इकाई के चिकित्सक करार के तहत दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व अनुसंधान पर निगरानी रखने का काम करेंगे. प्रभारी ने बताया कि बिहार में एकमात्र संस्थान है. जहां पर चिकित्सक मरीजों की स्वास्थ्य जांच करने व दवा देने का काम किया जाता है.अलग-अलग बीमारियों के लिए यहां पर परिषद से उपलब्ध करायी गयी 16 तरह की दवाएं हैं, जो मरीजों को मुहैया करायी जाती है.
मरीजों की संख्या है कम
चिकित्सा सत्यापन इकाई में मरीजों की संख्या कम है. संस्थान की चिकित्सक विभा कुमारी व प्रभारी बताते हैं कि यहां पर मरीजों की संख्या होम्योपैथ में कम है. इसके बाद भी संस्थान में हर रोज 20 से तीस मरीज व अधिकतम संख्या 60 मरीजों तक गयी है.
संसाधन बढ़ने व लोगों के जागरूक होने की स्थिति में यहां मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. इसके लिए कार्य किया जा रहा है. इतना ही नहीं संस्थान की पैथोलॉजी भी जहां-जहां तैनात लैब टेक्नीशियन प्रफल कुमार मरीजों की जांच करते हैं. कर्मी गोपाल मिस्त्री व आयशा कुमारी बताती हैं कि संस्थान को अपना भवन मिल जाये, तो रिसर्च व अनुसंधान कार्य और बेहतर होगा.