1.20 लाख शौचालयों में 34,437 की जियो टैगिंग

पटना : शौचालय निर्माण में गड़बड़ी व फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बनाये गये शौचालयों को जियो टैग करने का नियम बनाया गया है. इसके बाद ही लाभुकों के खाते में पैसा डाला जायेगा. लेकिन पटना सदर एवं फुलवारीशरीफ में काम की गति सबसे धीमी है. पूर्व से निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक पटना जिला के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2018 6:29 AM
पटना : शौचालय निर्माण में गड़बड़ी व फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बनाये गये शौचालयों को जियो टैग करने का नियम बनाया गया है. इसके बाद ही लाभुकों के खाते में पैसा डाला जायेगा. लेकिन पटना सदर एवं फुलवारीशरीफ में काम की गति सबसे धीमी है.
पूर्व से निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक पटना जिला के 23 ब्लॉकों में एक लाख 20 हजार से अधिक शौचालयों को जोड़ना है, लेकिन पांच जनवरी तक महज 34,437 शौचालयों की ही जियो टैगिंग हुई है. इस कारण लाभुकों के खाते में पैसा जाने में देर हो रही है. इसके अलावा पटना जिले में चार लाख 29 हजार से अधिक शौचालयों का निर्माण 2 अक्तूबर, 2019 तक करना है और उन सभी शौचालयों की जियो टैगिंग करनी है.
शिकायत मिली, तो ओडीएफ घोषित वार्डों का भी होगा निरीक्षण : अगर कहीं भी ओडीएफ घोषित वार्ड से शिकायत मिली, तो उन वार्ड के शौचालयों की जांच होगी और निर्माण की गुणवत्ता को भी देखा जायेगा. अगर कार्य में गड़बड़ी मिली, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
इसलिए शौचालय निर्माण से जुड़ी गड़बड़ी की शिकायत हर व्यक्ति अनुमंडल अधिकारी के पास कर सकते हैं. क्योंकि अब आगे से बनने वाले शौचालय का पैसा उस वक्त लाभुकों के एकाउंट में भेजा जायेगा, जब तक कि उस शौचालय की जियो टैगिंग नहीं कर दी जाये. इसलिए ब्लॉक अधिकारी, वरीय अधिकारी स्थल निरीक्षण करेंगे. इसके बाद इनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी.
क्या है जियो टैगिंग की प्रक्रिया : इस प्रक्रिया के तहत शौचालय निर्माण के लिए स्थल निरीक्षण किया जायेगा. उसकी तस्वीर लाभुक के साथ खींची जायेगी. इसमें शौचालय व लाभुक दोनों साफ दिखेंगे.
इसके बाद उस शौचालय की जियो टैगिंग की जायेगी और उसके बाद इस निर्माण को कोई भी व्यक्ति स्वच्छ मिशन की वेबसाइट पर देख पायेंगे. पटना डीडीसी डॉ आदित्य प्रकाश ने कहा कि शौचालय निर्माण में कोताही नहीं हो, इसको लेकर हर कार्य की माॅनीटरिंग मोबाइल एप के माध्यम से हो रही है. ब्लॉक काे-ऑर्डिनेटर को स्थल निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावे उस वक्त तक लाभुकों के एकाउंट में पैसा नहीं जायेगा, जब तक उस शौचालय की जियो टैगिंग नहीं की जायेगी.

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