जलजमाव की मार, नहीं मिलता पीने का पानी

पटना सिटी : निगम सुविधा मुहैया कराने के लिए टैक्स तो लेती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं दिखती. पेयजल से लेकर सड़क तक की समस्या से जूझ रहे लोग समाधान के लिए निगम से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन स्थिति आज भी ज्यों की त्यों है. निगम के रवैये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2018 6:38 AM
पटना सिटी : निगम सुविधा मुहैया कराने के लिए टैक्स तो लेती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं दिखती. पेयजल से लेकर सड़क तक की समस्या से जूझ रहे लोग समाधान के लिए निगम से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन स्थिति आज भी ज्यों की त्यों है. निगम के रवैये से लोग काफी नाराज हैं.
बदहाल नया पटना की यह तस्वीर वार्ड संख्या 56 से जुड़े महारानी कॉलोनी, शिक्षक कॉलोनी, डॉक्टर्स कॉलोनी व अशोक विहार कॉलोनी की है.
एक दशक के अंदर खेतों के बीच धीरे-धीरे आबाद हुई इन कॉलोनियों में न तो सड़क है न ही पीने के पानी के लिए पाइप लाइन. बिजली विभाग की ओर से कॉलोनी में मात्र आठ बिजली के खंभे लगाये गये हैं जिनकी पहुंच हर घर तक नहीं है. यहां रहने वाले बाशिंदे बताते हैं कि इसी आठ खंभे से बांस बल्ले के सहारे लोग घरों में बिजली ले जाते हैं. जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में घरों के अंदर सोख्ता बना पानी सुखाते हैं तो कुछ लोग सड़कों पर बहाते हैं.
कच्चे सड़क पर घरों का पानी आने से जलजमाव की स्थिति हो जाती है. इतना ही नहीं आसपास के खेतों में पानी गिराने से खेत मालिकों से झगड़ा होता है. इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं. कुछ ऐसी ही पीड़ा झेल रहे कॉलोनी के लोगों का कहना है कि निगम से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगाने के बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है.
सुविधाओं के नाम पर निगम टैक्स तो वसूल कर लेता है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं तक के लिए यहां के लोग तरस रहे हैं. जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता होनी चाहिए कि विकास की रोशनी हर घर में पहुंचे.
—निर्भय शंकर
पाइप लाइन नहीं बिछाया गया, सड़कों का निर्माण नहीं हुआ, दूर दराज से बांस-बल्ला के सहारे बिजली लानी पड़ती है. जब सुविधा ही नहीं है तो निगम को टैक्स देने का क्या औचित्य है.
—सुनील कुमार
जलजमाव की वजह से घरों से निकलने में काफी परेशानी होती है. मच्छरों से अक्सर बीमारी होती है, लेकिन गुहार के बाद भी न साफ-सफाई होती है न ही कॉलोनी में फॉगिंग मशीन आती है. सप्लाई के पानी के लिए पाइप लाइन बिछना सपने जैसा हो गया है.
क्या कहना है पार्षद का
जल निकासी के लिए नाला निर्माण का प्रस्ताव निगम में दिया है. कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है. जहां पानी का जमाव होता है, वहां पर मिट्टी गिरा कर भराई का काम कराते हैं. सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास भी कराया, लेकिन ग्रामीणों के विरोध से सड़क नहीं बन पायी. कॉलोनी का विकास पहली प्राथमिकता है.
पार्षद किस्मतिया देवी, वार्ड 56

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