पटना : पटना हाइकोर्ट ने गया जिले में अवैध रूप से चलने वाले क्रशर मिल और उससे होने वाले प्रदूषण को लेकर दायर लोकहित याचिका पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने जगदीश सिंह आर्य एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि गया जिले के मानपुर प्रखंड अंतर्गत मिर्जापुर मौजा में अवैध रूप से क्रशर चलाया जा रहा है. इस क्रशर से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. क्रशर चलाने वाले अवैध रूप से पत्थरों को तोड़ते हैं. इससे वहां रहने वाले अगल-बगल के लोगों को हमेशा अपनी जान का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं इन क्रशर मिलों के चलने से वहां का वातावरण हमेशा प्रदूषित रहता है.
दालत को बताया गया कि इस संबंध में अगल-बगल के लोगों ने राज्य के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा. उनके जनता दरबार में इस बात की शिकायत भी की. साथ ही बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इस संबंध में लिखित शिकायत की. लेकिन कोई भी कार्रवाई अवैध रूप से चल रहे क्रशर मिल को बंद कराने के लिए नहीं की गयी, तब इन लोगों ने यह लोकहित याचिका दायर की. इन लोगों का आरोप था की क्रशर मिल पदाधिकारियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा है.
पटना. बिहारशरीफ स्थित सोगरा वक्फ बोर्ड की संपत्ति की सीबीआई जांच आदेश को पटना हाइकोर्ट ने निरस्त कर दिया.मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन तथा न्यायमूर्ति डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने जकी की ओर से दायर एलपीए (अपील) पर सोमवार को सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. गौरतलब है कि हाईकोर्ट के एकलपीठ ने सोगरा वक्फ की संपत्ति और इसके कार्यों की सीबीआई जांच का गत वर्ष ११ अगस्त को दिया था. एकलपीठ के आदेश को अपील दायर कर चुनौती दी गयी थी. हाइकोर्ट के खंडपीठ ने गत वर्ष तत्काल प्रभाव से एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी.