मोकामा में सरकारी पोखर की दो कट्ठा जमीन बेच डाली, प्राथमिकी

जमीन की कीमत तकरीबन 50 लाख मोकामा : मोकामा थाना अंतर्गत सकरवार टोला में सरकारी पोखर की दो कट्ठा जमीन को जालसाजों ने बेच डाला गया. इतना ही नहीं जालसाजों ने अंचल कार्यालय से राजस्व रसीद भी निर्गत करा लिया. जमीन की कीमत तकरीबन 50 लाख रुपये बतायी जा रही है. इस मामले में अंचलाधिकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2018 8:39 AM
जमीन की कीमत तकरीबन 50 लाख
मोकामा : मोकामा थाना अंतर्गत सकरवार टोला में सरकारी पोखर की दो कट्ठा जमीन को जालसाजों ने बेच डाला गया. इतना ही नहीं जालसाजों ने अंचल कार्यालय से राजस्व रसीद भी निर्गत करा लिया.
जमीन की कीमत तकरीबन 50 लाख रुपये बतायी जा रही है. इस मामले में अंचलाधिकारी जय कृष्ण प्रसाद के आवेदन पर एफआईआर दर्ज हुई है. इसमें जमीन बेचने वाले शख्स सुनील कुमार तुलस्यान पिता स्व भोला प्रसाद तुलस्यान (सकरवार टोला निवासी) को नामजद किया गया है. वहीं सरकार की कीमती जमीन के खरीदार रितेश कुमार पिता रामवदन सिंह (सकरवार टोला निवासी) पर भी कानूनी कार्रवाई तय माना जा रही है.
जबरन जमाया पोखर की जमीन पर कब्जा : अंचलाधिकारी ने बताया कि मोकामा थाना संख्या 30 में घनी आबादी के बीच पोखर की जमीन है जिसे मिट्टी व कचरे से भर दिया गया है.
खरीद-बिक्री की गयी जमीन सरकारी गैरमजरूआ आम है. जिसका रकबा तकरीबन छह डिसमील (दो कट्ठा) खाता संख्या– 1258, खेसरा संख्या– 4421 है. जबकि यह जमीन जालसाजी कर 27 दिसंबर 2012 को ही बेची गयी थी. जमीन के खरीदार बड़े राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हैं. इसका फायदा उठाकर जमीन को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी कब्जा कर लिया गया. लोगों को जमीन की खरीद बिक्री की भनक नहीं थी. स्थानीय प्रशासन से वह लगातार अतिक्रमण की शिकायत कर रहे थे. बाद में मामला लोक शिकायत निवारण में पहुंचने पर अवैध तरीके से खरीद फरोख्त का खुलासा हुआ.
कैसे हुआ खरीद-िबक्री का खुलासा
पोखर की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को देख एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत बाढ़ लोक शिकायत निवारण कार्यालय में की. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन मामले की जांच करने वहां पहुंची. छानबीन में जमीन को रैयती (निजी) बताया गया. मामले को लेकर जमीन के खरीदार रितेश कुमार ने लोक शिकायत निवारण कार्यालय में जमीन की सेलडीड भी जमा कर दी. इधर अंचल की जांच रिपोर्ट में खरीदी गयी जमीन को सरकारी बताया गया. इसके बाद सरकारी जमीन को बेचने का मामला सामने आया.
मामले पर बाढ़ लोक शिकायत निवारण कार्यालय से इस मामले को जिला पदाधिकारी सह द्वितीय अपील प्राधिकार (पटना) में ट्रांसफर कर दिया गया. यहां इसकी सुनवाई में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर जिला पदाधिकारी ने जालसाजों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया.

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