पटना : बिहार में दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरुद्ध जनता में जागरूकता अभियान के लिए मानव श्रृंखला बनाने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को झटका दिया है. कोर्ट ने बिहार सरकार को मानव श्रृंखला बनाने को लेकर नया आदेश जारी किया है.इसमामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार मानव श्रृंखला बनाने में बच्चे की मदद बगैर उनके अभिभावक की सहमति के नहीं ले सकती.
दरअसल, बिहार सरकार ने राज्य में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करने के लिए मानव श्रृंखला बनाने की बात कही थी. कोर्ट नेयह भी कहा कि अगर बच्चे इस मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होते हैं तो सरकार उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकती. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने की. इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 हफ्तों के बाद होगी.
गौरतलब हो कि कि हाईकोर्ट ने यह फैसला शिव प्रकाश राय द्वारा जारी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया. याचिका में अदालत से कहा गया था कि यह मामला बाल विवाह अधिनियम 1973 और दहेज उन्मूलन एक्ट 1961 का है. इसमें कुछ भी नया नहीं है. राजनीतिक लाभ के लिए ही सिर्फ इसे नये तौर पर तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पिछले साल भी शराबबंदी कानून के समर्थन में मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया था.
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