बजट पूर्व बैठक : लोक उपक्रम प्रतिनिधियों ने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को दिये कई सुझाव, …जानें किसने क्या दिये सुझाव

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभाकक्ष में केंद्रीय प्रक्षेत्र के लोकउपक्रमों व प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक आयोजित की गयी. इसमें प्रतिभागियों ने भूमि अभिलेख को कंप्यूटरीकृत व अद्यतन करने, कृषि लोन के लिए गारंटी फंड बनाने, कृषि बाजार समिति की जमीन गोदाम निर्माण के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2018 9:24 PM

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभाकक्ष में केंद्रीय प्रक्षेत्र के लोकउपक्रमों व प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक आयोजित की गयी. इसमें प्रतिभागियों ने भूमि अभिलेख को कंप्यूटरीकृत व अद्यतन करने, कृषि लोन के लिए गारंटी फंड बनाने, कृषि बाजार समिति की जमीन गोदाम निर्माण के लिए उपलब्ध कराने, हवाई यात्रियों की सुविधा के लिए पटना एयरपोर्ट के आसपास होटल का निर्माण करने, एटीएफ (हवाई जहाज के ईंधन) पर टैक्स कम करने, सड़कों व फ्लाईओवर पर ऑप्टिकल फाइवर बिछाने के लिए पाइप लगाने, केरोसिन उपभोक्ताओं को भी डीबीटी के जरिये अनुदान का लाभ देने आदि का सुझाव दिया.बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, सचिव राहुल सिंह के अलावा बीएसएनल, गेल इंडिया लि. आरईसी, एनटीपीसी, ईईएसएल, एनएचएआई और सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

किसने क्या दिये सुझाव

एनटीपीसी : अगर राज्य सरकार समय से भुगतान करे, तो सालाना 160 करोड़ की बचत हो सकती है. पिछले दो महीने में सरकार को 39 करोड़ रुपये का भुगतान विलंब शुल्क के तौर पर करना पड़ा है. आरईसी : भुगतान प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये.

बीएसएनएल : पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बन रहे फ्लाईओवर और सड़कों के किनारे पाइप बिछायी जाये, जिसमें आसानी से ऑप्टिकल फाइवर के वायर डाले जा सकें.

एनएचएआई : बालू-पत्थर की कमी दूर करने का सुझाव दिया.

गेल इंडिया : विभिन्न तरह के अनापत्ति प्रमाणपत्रों के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था हो.

वेयरहाउस कॉरपोरेशन : बिहार में भंडारण क्षमता के सृजन के लिए राज्य सरकार से खाली पड़ी कृषि बाजार समितियों की जमीन उपलब्ध करायी जाये.

विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि : कृषि ऋण गारंटी फंड बनाने, कृषि प्रक्षेत्र के कर्ज पर भी उद्योग की तरह कैपिटल अनुदान की जगह ब्याज अनुदान देने, केसीसी धारक किसानों को समय से ऋण वापसी कर ब्याज अनुदान का लाभ लेने के लिए प्रेरित करने तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सभी 18 से 70 वर्ष के खाताधारकों के लिए अनिवार्य करने का सुझाव दिया.

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