पटना : सूबे के 2.57 लाख नियोजित शिक्षकों को चार महीने का वेतन बकाया है. बकाये वेतन को लेकर शिक्षक संगठनों ने 21 जनवरी को आयोजित मानव शृंखला के बहिष्कार की चेतावनी दी है. इसके बाद राज्य सरकार ने 2.57 लाख नियोजित शिक्षकों को सितंबर, 2017 का वेतन जनवरी, 2018 में देने के लिए सर्वशिक्षा अभियान मद से 650 करोड़ रुपये जारी कर दिया है.
इसके अलावा, राज्य सरकार ने अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर माह के बकाये वेतन को भी एक सप्ताह में जारी करने का आश्वासन दिया है. बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक संजय सिंह ने एक माह की राशि शुक्रवार को जारी की. मालूम हो कि सर्वशिक्षा अभियान मद से 2.57 लाख नियोजित शिक्षकों को वेतन दिया जाता है. अगस्त 2017 तक का वेतन नियोजित शिक्षकों को जारी किया जा चुका है.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद मिलेगा तीन माह का बकाया वेतन
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से सर्वशिक्षा अभियान मद में केंद्रांश की राशि नहीं आने की वजह से 2600 करोड़ रुपये राज्य सरकार के मद से स्वीकृत करायी है. इस राशि से नियोजित शिक्षकों के बकाया तीन महीने का वेतन जारी करने के लिए राज्य सरकार अगली कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लायेगी और कैबिनेट की मंजूरी के सात से 10 दिन के भीतर नियोजित शिक्षकों के बकाया तीन महीने का वेतन जारी कर दिया जायेगा. राज्य सरकार को सर्वशिक्षा अभियान मद से दूसरी किस्त के रूप में 624 करोड़ रुपये पिछले दिनों ही मिला है. इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्रांश के रूप में बकाया करीब 3830 करोड़ रुपये की मांग केंद्र सरकार से की है. सर्वशिक्षा अभियान मद में केंद्र सरकार से अब तक बिहार को 6,335 करोड़ रुपये में से 2,505 करोड़ रुपये ही मिले हैं.
अप्रैल, 2018 से नियमित व नियोजित शिक्षकों के खाते में वेतन भेजने की तैयारी
प्रदेश के नियमित और नियोजित शिक्षकों को सीधे बैंक एकाउंट में मुख्यालय से ही वेतन जारी करने की राज्य सरकार की योजना है. शिक्षा विभाग ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है. जिलावार शिक्षकों की हाजिरी भी आयेगी, जिसके आधार पर शिक्षकों को वेतन जारी किया जायेगा.शिक्षा विभाग अप्रैल 2018 से ही केंद्रीकृत रूप से इसे लागू करने की तैयारी में है. वर्तमान में राज्य में पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों को जिलावार ट्रेजरी से वेतन की राशि दिया जाता है. वहीं, नियोजित शिक्षकों को वेतन देने के लिए हर जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के खाते मेंराशि भेजी जाती है.