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बिहार : …जब पटना यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कहा, मैम! हम यहां असुरक्षित, होती है छेड़खानी, प्लीज कुछ कीजिए
राज्य महिला आयोग ने सुनी सायंस कॉलेज की छात्राओं की आपबीती, कहा-नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम पटना : बीते बुधवार को पटना यूनिवर्सिटी के सायंस कॉलेज की फाइनल ईयर की छात्रा के साथ हुई छेड़खानी मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार राज्य महिला आयोग की तीन सदस्यीय टीम शुक्रवार को साइंस कॉलेज पहुंची. तो […]
राज्य महिला आयोग ने सुनी सायंस कॉलेज की छात्राओं की आपबीती, कहा-नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम
पटना : बीते बुधवार को पटना यूनिवर्सिटी के सायंस कॉलेज की फाइनल ईयर की छात्रा के साथ हुई छेड़खानी मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार राज्य महिला आयोग की तीन सदस्यीय टीम शुक्रवार को साइंस कॉलेज पहुंची. तो वहां मौजूद छात्राओं ने आयोग की सदस्य से आपबीती सुनाते हुए कहा कि मैडम हम यहां असुरक्षित हैं. आग्रह किया कि इस मामले में आयाेग कुछ करे. पीड़िता ने अायोग में अपना बयान दर्ज कराते हुए बताया कि हॉस्टल कैंपस पूरी तरह से असुरक्षित है. शाम पांच बजे के बाद ही वहां से गुजरना खतरे को न्योता देने जैसा है.
क्योंकि यूनिवर्सिटी के कैंपस की चहारदीवारी को फांद कर अक्सर असामाजिक तत्व आ जाते हैं. लड़कियों पर फब्तियां कसना और कुछ बोलने पर जबरन हाथ लगाने जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. लड़कियां डर से किसी को कुछ नहीं बोलती हैं. हम चुचचाप कमेंट सुन सहने को मजबूर हैं. पीड़िता द्वारा इतना कहते ही हॉस्टल की सारी लड़कियों ने खुद को इसी तरह से असुरक्षित होने की बात बतायी.
लाइट को निकाल रखते हैं अंधेरा : आयोग की अध्यक्ष दीलमणी मिश्रा लड़कियों की असुरक्षा की बात सुन कर प्राचार्य से मिल कर पूरी बात जानी. कॉलेज के प्राचार्य बीके मिश्रा ने बताया कि उनकी ज्वाइनिंग प्राचार्य के रूप में इसी माह कुछ दिन पहले हुई है.
पर उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि कॉलेज कैंपस में लड़कियों के लिए बने हॉस्टल पूरी तरह से असुरक्षित हैं. क्योंकि साइंस कॉलेज में लड़कियों के लिए तीन हॉस्टल है-गंगा, मदर टेरेसा और जीडीएस. तीनों में करीब 300 लड़कियां रह रही हैं. हॉस्टल का रास्ता कैंपस से सटे बाउंड्री गणेश पथ रोड के कृष्णा घाट होते हुए जाता है, उसी रास्ते से सटे लड़कों का मिंटो हॉस्टल है. उसकी बाउंड्री इतनी छोटी है कि वहां से अंधेरा होते ही लड़के वहां पहुंच जाते हैं. ऐसे में यदि हॉस्टल की कोई लड़की बाहर निकलती है, तो उस पर हमला हो सकता है.
लड़कियों ने बताया कि शाम पांच बजे के बाद जरूरी काम होने पर भी वे हॉस्टल से नहीं निकल पाती हैं. क्योंकि रास्ते में किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. यहां तक की स्ट्रीट लाइट भी लड़के निकाल फेंकते हैं. कोचिंग क्लास रात में नहीं कर पाती. हॉस्टल की वार्डेन भी लड़कियों को शाम पांच बजे के बाद जाने नहीं देतीं. क्योंकि यूनिवर्सिटी के ही लड़के लड़कियों को छेड़ते हैं. जूलॉजी डिपार्टमेंट के हेड कृतेश्वर प्रसाद ने बताया कि पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में कुल 500 लड़कियां रह रही हैं. पर इनकी सुरक्षा को लेकर विशेष गार्ड की सुविधा नहीं है. कुछ हैं, भी तो उनके पास कोई आर्म्स नहीं है.
इससे उनकी सुरक्षा नहीं हो पाती है. वहीं, सायंस कॉलेज में कुल पांच हजार बच्चे नामांकित हैं. इनमें 50 फीसदी लड़कियां हैं. बावजूद सुरक्षा के नाम पर कोई विशेष इंतजाम नहीं है. महिला आयोग की अध्यक्ष ने प्राचार्य को निर्देश दिया कि वह लड़कियों की सुरक्षा के इंतजाम करें. कॉलेज के गेट पर सभी की इंट्री आई कार्ड के आधार पर करायी जाये. साथ ही सुरक्षा गार्ड व टूटी बाउंड्री को तत्काल बनाया जाये.
पुलिस चेक पोस्ट की हो व्यवस्था
आयोग की अध्यक्ष ने लड़कियों के हॉस्टल कैंपस में एक पुलिस चेक पोस्ट स्थापित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पढ़ाई कर रही लड़कियों को सुरक्षित रखना हमारा काम है. इसके लिए हॉस्टल में रह रही लड़कियों पर अनावश्यक बाहरी लोगों का हस्तक्षेप नहीं हाे, इसके लिए पुलिस चेकपोस्ट की व्यवस्था की जाये. इसके लिए वह विभाग को पत्र लिख कर इसे मुहैया करायेंगी. मौके पर आयोग के सदस्य निक्की हेमब्रेम , नीलम सहनी, प्रतिमा समेत सचिव उपस्थित रहे.
एक छात्र गिरफ्तार दो अब भी फरार
पटना. सायंस कॉलेज में दो दिन पहले हुई छेड़खानी की घटना में शामिल आरोपित छात्र रॉबिन कुमार उर्फ प्रवीण कुमार को पीरबहोर पुलिस ने पकड़ लिया. यह पटना कॉलेज के स्नातक अर्थशास्त्र में तृतीय वर्ष का छात्र है.
हालांकि इस छेड़खानी मामले में रॉबिन समेत तीन छात्रों का नाम सामने आया था, जिसमें से दो अभी भी फरार है. यह छात्र जहानाबाद के घोषी का रहने वाला है और यह फिलहाल राजेंद्र नगर स्थित एक मकान में किराये का मकान लेकर पढ़ाई करता था. इसने छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया था और छात्रा के बयान के आधार पर पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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