बिहार : पुराने व फटे कंबल में रात गुजार रहे मरीज, PMCH में 60% मरीजों को ही मिला कंबल, करोड़ों के बजट पर सवाल
पटना : पीएमसीएच में जहां एक ओर दवा घोटाला का मामला तूल पकड़े हुए है. वहीं, दूसरी ओर फिर से अस्पताल में भर्ती मरीजों को फटे-पुराने कंबल देने की बात सामने आयी है. ये कंबल आधे से भी कम मरीजों को बांटे गये हैं. शेष मरीज अपने घर के कंबलों में ही रात गुजार रहे […]
पटना : पीएमसीएच में जहां एक ओर दवा घोटाला का मामला तूल पकड़े हुए है. वहीं, दूसरी ओर फिर से अस्पताल में भर्ती मरीजों को फटे-पुराने कंबल देने की बात सामने आयी है. ये कंबल आधे से भी कम मरीजों को बांटे गये हैं. शेष मरीज अपने घर के कंबलों में ही रात गुजार रहे हैं. प्रभात खबर ने अस्पताल के वार्डों का दौरा किया, तो पाया कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज ठंड से कांप रहे थे. जिस कंबल को नया बता कर उन्हें ओढ़ने को दिया गया था, वह नाकाफी था.
जब ड्यूटी कर रहे एक कर्मचारी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हमारे पास कंबल नहीं हैं. अब घर से तो लाकर नहीं दे सकते.जानकारी के अनुसार पीएमसीएच में भर्ती करीब 60 प्रतिशत मरीजों को ही कंबल मिल पाया है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन करोड़ रुपये दिये जाने के बाद भी समुचित और अच्छी गुणवत्ता वाले कंबल क्यों नहीं बांटे गये. वहीं अस्पताल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि बजट के अनुसार कंबल की खरीदारी कर ली गयी थी. जितना बजट आया, उतना ही कंबल खरीदा गया है.
पुराने व फटे कंबल भी बांट दिये गये
अस्पताल में इमरजेंसी, टाटा, हथुआ, आॅर्थो, मेडिसिन, बर्न वार्ड समेत कई वार्डों में कुछ मरीजों को अस्पताल से महज एक पुराना व जर्जर कंबल मिला है. सबसे अधिक परेशानी न्यूरो वार्ड व हड्डी वार्ड में भर्ती मरीजों की है. यहां ऑपरेशन के बाद तुरंत मरीजों को भर्ती किया गया है. वार्डों में लगी जाली में शीशे नहीं होने से ठंडी हवाओं का कहर मरीजों पर टूट रहा है. बताते चलें कि यहां कुछ वार्डों में कई साल से वार्ड की खिड़कियों के शीशे बदले नहीं गये हैं.
क्या कहना है इनका
बजट के अनुसार कंबल की खरीदारी होती है. बेडोंकी संख्या के अनुसार मरीजों को कंबल दिये गये हैं. चूंकि मरीज यहां डेढ़ गुना अधिक भर्ती किये जाते हैं, इसलिए थोड़ी परेशानी होती है.
– डॉ दीपक टंडन, अधीक्षक, पीएमसीएच
मेरे पिता गोरखनाथ गिरी के आंत का ऑपरेशन हुआ है. राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक में भर्ती तो कर दिया गया, लेकिन कंबल के लिए मशक्कत करनी पड़ी. बाद में घर से कंबल लाया.
रजनीश कुमार, परिजन
आंत के ऑपरेशन के बाद राजेंद्र सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर दिया गया. यहां कंबल तो मिला, लेकिन फटा व जर्जर था. बाद में बेटे से नया कंबल मंगाया. यह स्थिति यहां सभी के साथ है.
मोहम्मद बाबुल, मरीज
इमरजेंसी में मरीजों को जमीन पर लिटा हो रहा इलाज
पटना : ठंड के मौसम में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में जमीन पर लिटा कर मरीजों का इलाज हो रहा है. जबकि, पीएमसीएच की व्यवस्था सुधारने को लेकर स्वास्थ्य विभाग तमाम दावे कर रहा है. इमरजेंसी में भी गंभीर रोग के मरीजों के लिए जगह नहीं है, रोगियों को इस कड़ाके की ठंड में जमीन पर लेट कर इलाज कराना पड़ रहा है. यह स्थिति सिर्फ पीएमसीएच ही नहीं बल्कि यहां के राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक व टाटा वार्ड में भी देखने को मिली है.
– 100 बेड और 150 मरीज : इमरजेंसी के सभी आईसीयू के साथ-साथ वार्ड तक में बेड खाली नहीं है. आलम यह है कि इमरजेंसी वार्ड में जहां 100 बेड लगे हैं, वहीं करीब 150 रोगी भर्ती हैं. जिन लोगों को बेड नहीं मिले, वो सभी इस ठंड में जमीन पर ही इलाज करा रहे हैं.
– हड्डी टूटी, लिटा दिया जमीन पर : अशोक पासवान की हड्डी छत से गिर जाने से टूटने के बाद उन्हें पीएमसीएच लाया गया. डॉक्टरों ने उसे इमरजेंसी में भर्ती कर दिया. अशोक की पत्नी बबीता ने बताया कि बेड के लिए गुहार के बाद भी बेड नहीं मिला. मजबूरी में जमीन पर ही इलाज करा रहे हैं.
नंबर आने का करता रहा इंतजार
सड़क दुर्घटना में घायल अजय को परिजन पीएमसीएच लाये. स्ट्रेचर नहीं मिलने पर ओपीडी में ऑटो के सहारे ही वह गया. ओपीडी के कर्मी ने जमीन पर ही लिटा दिया. कंपकंपाती ठंड में जमीन पर ही लेट कर नंबर आने का इंतजार करता दिखाई दिया.