गया : फतेहपुर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड के पास रह रहे युवा दंपती अपनी बेटी की मौत का सदमा बरदाश्त नहीं कर सके. बेटी की मौत के एक माह बाद ही दोनों ने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी. घटना की सूचना फतेहपुर पुलिस को मिलते ही प्रभारी थानाप्रभारी सह एएसआइ सुनील कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. घटना की सूचना उन्होंने वरीय पदाधिकारी को भी दी. मौके पर बीडीओ कुमुद रंजन, सीओ रामजी प्रसाद सिंह भी पहुंचे. घटना की सूचना संजीत कुमार के ससुराल के परिजनों को भी दी गयी. मृत युवक के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद दरवाजा तोड़ कर दोनों शवों को उतारा गया. दोनों के शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें उन्होंने अपनी बड़ी बेटी भव्या की ब्लड कैंसर से मृत्यु हो जाने के बाद अपने जीवन से निराश होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है. नीचे पति-पत्नी के हस्ताक्षर भी हैं. पुलिस ने आशंका व्यक्त की है कि दंपती ने एक दिन पहले ही सुसाइड कर लिया होगा. दोनों ने एक ही प्लास्टिक की रस्सी को पंखे से अपनी गर्दन में कस लिया था. दोनों के शव के पास एक कुर्सी गिरी हुई भी मिली थी. जानकारी के अनुसार, फतेहपुर निवासी राम जी वर्मा के छोटे पुत्र संजीत कुमार व पुत्र वधू शिल्पी कुमारी फतेहपुर निवासी प्रेम वर्मा के मकान में किराये के घर में रहते थे. मकान में रह रहे अन्य लोगों को कुछ शंका हुई कि सुबह में उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो अनहोनी की आशंका से लोगों ने कमरे के रोशनदान से झांक कर देखा, तो दोनों के शरीर पंखे से झूल रहे थे.
2010 में हुई थी दोनों की शादी
35 वर्षीय संजीत कुमार की शादी गया के नयी सड़क निवासी चंद्रिका वर्मा की पुत्री शिल्पी कुमारी के साथ जुलाई 2010 में हुई थी. उनकी दो बेटियां हुईं. छोटी बेटी को दोनों ने अपने नि:संतान मामा के पास जन्म के समय ही पालन पोषण के लिए कानूनी रूप से दे दिया. बड़ी बेटी को दोनों काफी प्यार करते थे. बड़ी बेटी को छह माह पहले ब्लड कैंसर बीमारी की पुष्टि डॉक्टरों ने की थी. इसका इलाज संजीत वर्मा वाराणसी में करा रहे थे. इलाज के दौरान ही वाराणसी में 14 दिसंबर को उसकी मौत हो गयी. इसके कारण दोनों मानसिक रूप से विचलित रहने लगे थे. संजीत के बड़े भाई सुजीत वर्मा ने बताया कि बेटी की मौत के बाद उसने अपने ज्वेलर्स की दुकान बंद कर दी थी. कुछ दिन पहले ही उसको समझाया, जिसके बाद वह दो दिनों के लिए दुकान पर गया.
क्या लिखा है सुसाइड नोट में
संजीत कुमार एवं शिल्पी कुमारी के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला है. उसमें लिखा है कि मैं संजीत कुमार सोनी व मैं शिल्पी वर्मा दोनों पूरे होश में और अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहे हैं. इसमें किसी का कोई दबाव नहीं है और न ही इस बारे में किसी को कोई जानकारी है. हमारे जीने की वजह थी, हमारी बेटी भव्या. लेकिन, वह अब इस दुनिया में नहीं है. उसके बिना हम दोनों भी जी नहीं पायेंगे. इसलिए यह कदम उठा रहे हैं. हम दोनों के मरने के बाद हमारी सारी संपत्ति, घर, जमीन, दुकान सब हमारी छोटी बेटी मिष्टी को मिलनी चाहिए, जो अभी साढ़े तीन साल की है. वह अपने बड़े मामा के पास गया में रहती है. हम दोनों की अंतिम इच्छा है कि हमारे मरने के बाद हमारे शरीर को बनारस में गंगा में डाल दिया जाये.
हस्ताक्षर
संजीत कुमार सोनी
शिल्पी वर्मा