किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लंबा इंतजार, बिना इलाज लौट रहे मरीज

पटना : आईजीआईएमएस के किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट को ग्रहण लग गया है. शुरुआत के एक साल के अंदर एक दर्जन किडनी ट्रांसप्लांट कर अस्पताल प्रशासन ने मरीजों में उम्मीद जगायी थी, लेकिन पिछले दो माह से ऑपरेशन नहीं होने से इस पर ग्रहण लगता दिख रहा है. अस्पताल प्रशासन के किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2018 8:23 AM
पटना : आईजीआईएमएस के किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट को ग्रहण लग गया है. शुरुआत के एक साल के अंदर एक दर्जन किडनी ट्रांसप्लांट कर अस्पताल प्रशासन ने मरीजों में उम्मीद जगायी थी, लेकिन पिछले दो माह से ऑपरेशन नहीं होने से इस पर ग्रहण लगता दिख रहा है.
अस्पताल प्रशासन के किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की यह स्थिति बेड व डॉक्टरों की कमी होने की वजह से हुई है. उन्हें बेड नहीं मिलने पर यहां का काम पेंडिंग रहता है. इसके अलावा अस्पताल न तो मैन पावर का जुगाड़ कर सका है और न ही अत्याधुनिक ओटी व अन्य उपकरणों की व्यवस्था कर सका है. इसके अभाव में मरीज अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो अब तक 12 किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज यहां से लौट गये हैं. बाकी नौ ज अपने नंबर आने का इंतजार आज भी आईजीआईएमएस के किडनी वार्ड व नेफ्रोलोजी वार्ड में भर्ती होकर कर रहे हैं. इन नौ मरीजों की दोनों किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी है. मरीज रोजाना ड्यूटी नर्स से अपने नंबर आने के बारे में पूछते रहते हैं. मरीजों का कहना है कि अगर समय पर ट्रांसप्लांट नहीं होगा तो वह भी दूसरे जगह जाने को मजबूर हो जायेंगे.
उधार के उपकरण से काम
आईजीआईएमएस में किडनी ट्रांसप्लांट नहीं होने का सबसे बड़ा कारण यहां पर बेड व मेन पावर की कमी है. यहां बेड का अभाव है, बेड नहीं होने के चलते किडनी मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है. नतीजा वह बिना इलाज के लौट रहे हैं. वहीं आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि बेड की समस्या जल्द खत्म हो जायेगी. रही बात ओटी व उपकरण की, तो अस्पताल प्रशासन अपना ओटी खुद बना रहा है, ताकि कोई परेशानी नहीं हो.

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