पटना : बिहार में तीन सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसमें जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीटें हैं और अररिया की लोकसभा सीट है. इन तीनों सीटों पर चुनाव होना है, जिसकी तैयारी शुरू हो गयी है. अररिया लोकसभा सीट सांसद तस्लीमुद्दीन के इंतकाल के बाद खाली हो गयी है. वहीं, अक्तूबर में राजद के जहानाबाद से विधायक मुद्रिका सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई है. वहीं भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय का नवंबर में निधन होने से भभुआ विधानसभा सीट खाली है.
जानकारी के मुताबिक आयोग की तैयारी फरवरी में एक साथ लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव कराने की है. इसी उद्देश्य से आयोग ने गत 19 से 22 दिसंबर तक जहानाबाद और कैमूर जिले के रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया था. जबकि 26 और 27 दिसंबर को अररिया लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए आयोग जिले के संबंधित पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है. इतना ही नहीं उपचुनाव को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय की ओर से शिक्षा विभाग, बिहार बोर्ड, इंटर काउंसिल और सीबीएसइ बोर्ड को पत्र लिखकर परीक्षा का कैलेंडर भी तलब किया गया था.
उपचुनाव को लेकर चुनाव क्षेत्रों में नेताओं का भ्रमण शुरू हो गया है. जानकारी की मानें, तो नेताजी अपने घर से निकलकर सुदूर देहात में जनता के संपर्क में हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर भी चुनाव को लेकर चर्चा जारी है. राजद की ओर से स्व. मुद्रिका सिंह यादव के पुत्र उदय यादव तथा सुदय यादव टिकट के दावेदार हैं. बताया जा रहा है कि लालू यादव जेल में हैं और इन में से एक को टिकट देने का फैसला वह कर सकते हैं, जिसके लिए पार्टी अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को नियुक्त किया जायेगा. लालू तेजस्वी यादव को भी यह काम सौंप सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक जहानाबाद सीट से टिकट के लिए सबसे ज्यादा मारामारी एनडीए में है. एक ओर जहां जहानाबाद सांसद अरुण कुमार अपने बेटे के लिए लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा स्थानीय नेता गोपाल शर्मा के लिए टिकट चाहते हैं. जबकि, जदयू की ओर से अभिराम शर्मा भी लगे हुए हैं. दूसरी ओर इस सीट पर भाजपा की भी नजर है. भाजपा से अजेंद्र शर्मा और इंदू कश्यप सहित कई उम्मीदवार मैदान में उतरना चाहते हैं. भाजपा का दावा है कि जहानाबाद में भाजपा का उम्मीदवार ही अपनी किस्मत आजमायेंगे. वहीं अजेंद्र शर्मा ने अपने फेसबुक एकाउंट पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को प्रस्ताव भी भेज दिया है.
इस सीट को लेकर एनडीए, खासकर भाजपा में इतनी खींचतान है कि पटना जिला भाजपा के ग्रामीण उपाध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि नेताओं को जहानाबाद की जनता का मन टटोलने का प्रयास करना चाहिए. वहां किसी साफ छवि वाले उम्मीदवार को टिकट मिलने पर ही जीत हासिल होगी. माना जा रहा है कि इंदू कश्यप का पलड़ा भारी है, वह एक साफ-सुथरी छवि की महिला कार्यकर्ता हैं और उन्होंने पार्टी के साथ जहानाबाद के लोगों के लिए काफी कुछ किया है. फिलहाल, पार्टियों में आपसी सहमति बनती नहीं दिख रही है.
भभुआ और अररिया सीट पर ज्यादा मारामारी नहीं है. अररिया सीट मुस्लिम बहुल सीट है और वहां तस्लीमुद्दीन के चाहने वाले ज्यादा संख्या में हैं. तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम भी चुनाव में खड़े हो सकते हैं, या फिर राजद किसी मुस्लिम उम्मीदवार को वहां से खड़ा करेगा. हालांकि, माना यह जा रहा है कि सीमांचल की लोकसभा सीटों के लिए भाजपा के एक दावेदार सैयद शाहनवाज हुसैन भी हैं और दूसरे एक डॉ. दिलीप जायसवाल, जिनमें चुनाव जीतने के गुण ज्यादा माने जाते हैं. भभुआ से भाजपा अपने किसी विश्वसनीय कार्यकर्ता को टिकट दे सकती है.
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