बिहार : भ्रम में न रहें, 2020 में ही बिहार विस चुनाव : नीतीश कुमार
सियासत. जनता ने पांच साल के लिए चुना है, इसमें हस्तक्षेप न हो पटना : लोकसभा चुनाव के साथ बिहार विधानसभा का चुनाव कराने की अटकलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विराम लगा दिया है. रविवार को जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि यह […]
सियासत. जनता ने पांच साल के लिए चुना है, इसमें हस्तक्षेप न हो
पटना : लोकसभा चुनाव के साथ बिहार विधानसभा का चुनाव कराने की अटकलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विराम लगा दिया है. रविवार को जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सवाल ही कहां से आ रहा है? बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कोई भ्रम में न रहें.
बिहार की जनता ने हमें पूरे पांच साल के लिए चुना है, उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. चुनाव तय समय पर ही होगा. सैद्धांतिक तौर पर हम जरूर इस बात पर सहमत हैं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हों तो बेहतर है, लेकिन इसके लिए पहले राष्ट्रीय स्तर पर राय बननी है और संवैधानिक व्यवस्था होनी है. कई तरह की प्रक्रियाओं के बाद ही ऐसा संभव होगा.
इस पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह राज्यसभा में संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने भी साफ कर दिया कि पार्टी की मान्यता है कि चुनाव के खर्च को कम करने के लिए देश भर में चुनाव साथ होने चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में यह संभव नहीं है. पिछले साल ही गुजरात-हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जबकि फिलहाल नागालैंड-मेघालय में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में 2019 में ही फिर से वहां चुनाव कराना संभव नहीं है. इसलिए बिहार में 2020 में ही विधानसभा का चुनाव होगा.
कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने गांधी की राह चुनी है, किसी चीज की हमें चिंता नहीं है. जनता ने हमें सेवा के लिए सत्ता दी है और हम अपना काम पूरी मुस्तैदी से करते रहेंगे.
उन्होंने जदयू के सभी सक्रिय सदस्यों को प्रशिक्षित करने के लिए अब सभी प्रखंडों और पंचायतों में ट्रेनिंग कैंप चलाने का भी निर्देश दिया. फरवरी में जहां सभी प्रखंडों में कैंप लगा कर ट्रेनिंग दी जायेगी, वहीं मार्च में पंचायतों में प्रशिक्षण का काम चलेगा. 14 अलग-अलग विषयों के मास्टर ट्रेनर की पटना में पहले 10 से 13 फरवरी तक ट्रेनिंग होगी और उन्हें ट्रेनिंग के लिए सामग्री दी जायेगी. उसके बाद वे प्रखंडों फिर पंचायतों में सक्रिय कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे. इसके बाद अप्रैल से बूथ मैनेजमेंट के लिए बूथ लेवल एजेंट बनाये जायेंगे और फिर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा.
एजेंडे पर काम कर रही सरकार : वशिष्ठ
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार एजेंडे पर काम कर रही है. ऐसे में समाज भी जागृत हो जाये तो हर काम संभव हो सकेगा. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास की नयी मंजिल की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के एजेंडे को सरजमीन पर उतारने के लिए सामाजिक चेतना को जगाने की जरूरत है और अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में समाज और सरकार दोनों नये रूप में दिखेंगे. शराबबंदी और दहेज व बाल विवाह के विरोध में बनी मानव श्रृंखला की ऐतिहासिक सफलता बिहार की बदलती मानसिकता का उद्घोष है.
न्याय यात्रा नहीं छाती पीटने जा रहे नेता प्रतिपक्ष : आरसीपी सिंह
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव न्याय यात्रा पर नहीं, बल्कि छाती पीटने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं. वहां वे बतायेंगे कि उनके परिवार के साथ ऐसा हुआ है.
जब ट्रेजरी की लूट करेंगे उनके लोग तो सजा भी तो उन्हें ही मिलेगी. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तो न्याय का अर्थ भी नहीं जानते होंगे. उन्हें पहले इसका अर्थ समझना चाहिए. असली न्याय रांची में हो रहा है.
सैद्धांतिक तौर पर लोस व विस चुनाव एक साथ कराने पर सहमत, पर पहले इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर राय बने व संवैधानिक व्यवस्था हो
फरवरी में प्रखंडों में और मार्च में पंचायतों में जदयू का ट्रेनिंग कैंप, प्रशिक्षित होंगे कार्यकर्ता, अप्रैल से बूथ स्तर पर बनाये जायेंगे एजेंट
अब पार्टी कार्यालय में बैठेंगे जदयू कोटे के मंत्री
सीएम ने जदयू कोटे के मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे हर दिन पार्टी कार्यालय में भी समय दें. एक या दो मंत्री प्रतिदिन पार्टी कार्यालय में बैठे और लोगों की समस्याओं के अवगत हो. उन्होंने कहा, मैं जल्द ही कार्यकारिणी के सभी सदस्यों, जिला अध्यक्षों और प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष से एक-एक कर मिलूंगा व पार्टी की बेहतरी के लिए उनकी राय लूंगा.
सरकार के कामों की जानकारी लोगों को दें : नीतीश कुमार ने प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों को निर्देश दिया कि सात निश्चय, लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून समेत सरकार के कामों की जानकारी लोगों तक पहुंचाएं, ताकि जनता को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि जमीन विवाद की समस्या सबसे ज्यादा आती है. ऐसे में इससे संबंधित सरकार के फैसलों को लोगों तक पहुंचाएं. इससे जमीन विवाद के मामलों में कमी आयेगी.