झारखंड में जुटे देशभर के नक्सलियों के बड़े नेता, बिहार से भी 40 पहुंचे, दे सकते हैं बड़ी वारदात को अंजाम
रांची/पटना : देश के नक्सलग्रस्त राज्यों के कान खड़े हैं. झारखंड के लातेहार के घने जंगलों में सभी जगह से बड़े नक्सली नेता जुटे हैं. सूचना यह भी है कि बिहार से 40 नक्सली नेता लातेहार में हो रही बैठकों में शामिल होने पहुंचे हैं. इसमें नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की स्पेशल एरिया कमेटी के […]
रांची/पटना : देश के नक्सलग्रस्त राज्यों के कान खड़े हैं. झारखंड के लातेहार के घने जंगलों में सभी जगह से बड़े नक्सली नेता जुटे हैं. सूचना यह भी है कि बिहार से 40 नक्सली नेता लातेहार में हो रही बैठकों में शामिल होने पहुंचे हैं.
इसमें नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की स्पेशल एरिया कमेटी के मगध जोन का कमांडर प्रद्युम्न शर्मा और बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के मध्य जोन का कमांडर संदीप यादव का नाम सबसे ऊपर हैं. ये नक्सली नेता अपने-अपने क्षेत्रों में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की रणनीति बनाने के लिए जुटे हैं. इसकी भनक लगी तो छत्तीसगढ़ और झारखंड पुलिस ने घेराबंदी भी की, परंतु हाथ कोई नहीं आया है. पिछले कुछ माह पर नजर डालें तो नक्सलियों की गतिविधियां कुछ खास नहीं रही हैं.
पिछले वर्ष के आंकड़े भी गवाही दे रहे हैं कि नक्सलियों ने पुलिस से दूरी बनायी है. अब इसे पुलिस की सख्ती कहिए या कुछ और. नक्सलियों की गिरफ्तारियों के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं. इतना ही नहीं, दर्जनों नक्सलियों ने तो सरेंडर भी किया है. इससे नक्सलियों के बड़े नेताओं के चेहरे उड़े हुए हैं. ऐसे ही हालात शेष नक्सलग्रस्त राज्यों में हैं. इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश आदि शामिल हैं.
इन राज्यों में भी सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है. इससे नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में नाकाम साबित हुए हैं. देश की शांति और सुरक्षा-व्यवस्था को ध्वस्त करने के मकसद से देशभर के नक्सलियों के आका लातेहार में सितंबर से ही लगातार बैठक कर रहे हैं. बिहार पुलिस को इस बात की जानकारी मिली है.
आशंका जतायी जा रही है कि कोई विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा होगा. चूंकि जनवरी भी अब खत्म ही होनेवाली है. ऐसे में करीब तीन माह का समय पूरा हो जायेगा. सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों को मकसद में कामयाब नहीं होने देने का पूरा प्रयास किया है, परंतु अभी तक बैठक को लेकर खास सुराग नहीं हाथ आया है. संबंधित राज्यों की पुलिस एक-दूसरे के लगातार संपर्क में हैं.