बिहार : रेलवे की अनदेखी, ड्राइवर-गार्ड्स के लिए ट्रेन में नहीं हैं शौचालय, पड़ रहे हैं बीमार

पटना : रोजाना लाखों यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रेनों में सुरक्षित सफर कराने वाले रेलवे ड्राइवर और गार्ड्स ट्रेन में रेलवे की एक बड़ी लापरवाही के कारण बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ट्रेन के कोच में डिजाइनर शौचालयों का प्रयोग करने वाले रेलवे ने ड्राइवर्स के लिए इंजन में और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2018 7:32 AM
पटना : रोजाना लाखों यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रेनों में सुरक्षित
सफर कराने वाले रेलवे ड्राइवर और गार्ड्स ट्रेन में रेलवे की एक बड़ी लापरवाही के कारण बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ट्रेन के कोच में डिजाइनर शौचालयों का प्रयोग करने वाले रेलवे ने ड्राइवर्स के लिए इंजन में और गार्ड के लिए उसके डिब्बे में शौच आदि के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसी स्थिति में ड्राइवरों व गार्ड को गाड़ी रुकने का इंतजार करना पड़ता है. नतीजा वह कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.
गार्ड व इंजन में शौचालय की व्यवस्था हो, इसकी मांग हम लगातार करते आ रहे हैं. रेलवे को चाहिए कि इंजन व गार्ड डिब्बे में शौचालय का इंतजाम करे, ताकि वे बीमार नहीं पड़ें. इसके अलावा ठंड के मौसम में ठंडी हवाएं बीमार करती हैं.
जफर हसन, मंडल अध्यक्ष पूमरे मजदूर कांग्रेस
विशेषज्ञ बोले
मूत्र और शौच के वेग को रोकना खतरनाक होता है. इससे कब्ज हो जाता है. मल कड़ा होकर सूख जाता है और पेट संबंधित बीमारियों के होने का खतरा अधिक रहता है. ऐसे ही लंबे समय तक मूत्र त्याग नहीं करने पर यूरिन इन्फेक्शन व इससे संबंधित बीमारियां होने का खतरा सबसे अधिक रहता है. -डॉ मनोज कुमार, गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक व जेनरल फिजिशियन
कब्ज व मूत्र संबंधी रोग से परेशान
पूरे दानापुर मंडल में करीब 45 प्रतिशत ऐसे गार्ड्स व ड्राइवर हैं, जो ट्रेन के इंजन में शौचालय नहीं होने से बीमारी की गिरफ्त में आ चुके हैं. इनमें कुछ को कब्ज तो कुछ को मूत्र संबंधी परेशानी है.
बीमार पड़ रहे रेलवे के इन कर्मचारियों में अधिकतर 40 से 50 साल की उम्र के हैं. सबसे अधिक 40 साल के कर्मचारी हैं. इस उम्र वाले कर्मचारी 70 प्रतिशत हैं.
अन्य बीमारियां भी कर रही हैं परेशान
दानापुर रेल मंडल में ऐसे कई लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड हैं, जिनको कब्ज और पेट संबंधी बीमारियां हैं. इसके अलावा उनको उच्च रक्तचाप, शुगर, थायराॅयड, पथरी, आंखों की कमजोर हो रही रोशनी, सुनने की क्षमता कम होने जैसी बीमारियां हो रही हैं.
रेलवे अस्पताल, अन्य अस्पतालों में इलाज कराने आ रहे रेलवे कर्मचारियों से पूछताछ और अस्पतालों से मिले डाटा से यह खुलासा हुआ है.
अधिकारी बोले
ट्रेन के गार्ड ब्रेक वान में शौचालय की व्यवस्था पहले से ही है. अब लोको पायलट के लिए भी कुछ डिवीजन ने इसकी व्यवस्था शुरू कर दी है. पूर्व मध्य रेलवे के जिन ट्रेनों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है वहां जल्द सुविधा दी जायेगी.
राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूमरे.

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