नहीं है कोई मास्टर प्लान
बेतरतीब बनते मकानों ने शहर की बिगाड़ी सूर मसौढ़ी : मसौढ़ी नगर पर्षद की आबादी फिलवक्त 66 हजार के आसपास है. 26 वार्डों का नगर पर्षद के आकड़ों की मानें, तो 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल मकानों की संख्या 9408 है, लेकिन अगर इस ओर वास्तविक सर्वे कराया जाये, तो इस संख्या के तीन […]
बेतरतीब बनते मकानों ने शहर की बिगाड़ी सूर
मसौढ़ी : मसौढ़ी नगर पर्षद की आबादी फिलवक्त 66 हजार के आसपास है. 26 वार्डों का नगर पर्षद के आकड़ों की मानें, तो 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल मकानों की संख्या 9408 है, लेकिन अगर इस ओर वास्तविक सर्वे कराया जाये, तो इस संख्या के तीन गुणा मकान पर्षद क्षेत्र में देखने को मिल जायेंगे. इसका मुख्य कारण है कि पर्षद क्षेत्र में सैकड़ों मकान का निर्माण काफी तेजी से विगत के तीन- चार वर्षों में हुआ है.
अब भी कई वार्डों में गृह का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है .सबसे बड़ी बात है कि इन निर्माणों की सही जानकारी नगर पर्षद को न तो गृह निर्माण करा रहे स्वामी देना मुनासिब समझते हैं और न ही इसके प्रति नगर पर्षद गंभीर है .इन गृह के निर्माण में आवासीय योजनाओं के लिए न कोई मास्टर प्लान है और न ही नगर विकास विभाग के अधिनियम का पालन होता है .
नतीजा घरों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है. इससे मसौढ़ी शहर की सूरत तो बदल रही है, लेकिन शहर की सुंदरता इससे गौण होकर रह गयी है और आउट लुक के मामले में पिछड़ा-का- पिछड़ा रह गया है शहर. वर्तमान परिस्थिति में वार्ड के अंदर न तो सड़क बनने के लिए उपयुक्त जमीन है और न ही नाला निर्माण की कोई गुजांइश.नगर पर्षद के द्वारा पूर्व में की गयी गलतियों की सजा भुगतने को विवश हैं यहां के लोग.
क्या है प्रक्रिया
नगर पर्षद क्षेत्र में नये गृह निर्माण कराने के पूर्व गृह निर्माण करा रहे स्वामी को अपने मकान का नक्शा के साथ आवेदन देना होता है .उक्त नक्शे की स्वीकृति नगर विकास विभाग के द्वारा पैनल में गठित आर्किटेक्ट के द्वारा करने का प्रावधान है ,जो नगर विकास विभाग की गाईड लाईन के अनुरूप होता है. किंतु अमूमन गृह निर्माण कराने की जल्दबाजी में लोग नगर विकास विभाग की गाईड लाईन की अनदेखी कर अपने तरीके से मकान का निर्माण करा लेते हैं, जो परेशानी का सबब बन जा रहा है.
नप को क्यों नहीं रहती जानकारी
नगर पर्षद की मानें, तो गृह निर्माण करने वाले अधिकतर लोगों द्वारा गृह निर्माण करने की जानकारी को उपलब्ध नहीं करायी जाती, जिन्हें बैंकों से लोन लेना होता है या कोई ऐसे भी हैं जो चाहते कि बिना स्वीकृति के गृह निर्माण नहीं करवायेंगे, अधिकांश वही लोग प्रक्रिया के तहत नगर पर्षद को जानकारी देते हैं.
बोलीं मुख्य पार्षद
गृह निर्माण में आने वाली परेशानी व नक्शा बिना स्वीकृति कराये मकान के निर्माण से हमलोग भी चिंतित हैं .नगर पर्षद के लिए नगर विकास विभाग से पांच आर्किटेक्ट अनुबंधित हैं, लेकिन आज तक कभी भी किसी के द्वारा नगर पर्षद में आकर अपना योगदान नहीं दिया गया .
सुनीता सिन्हा, मुख्य पार्षद
होगी कार्रवाई
नक्शा की स्वीकृति हमलोग दे रहे हैं.जब आर्किटेक्ट के नहीं रहने के बावजूद नक्शा की कैसे स्वीकृति दी जा रही है इस पर उन्होंने अपना सेलफोन काट दिया . जब पूछा गया कि बिना नक्शा की स्वीकृति के मकान का धड़ल्ले से निर्माण हो रहा है . उनका जवाब था कि कोई शिकायत अगर इस संबंध में करेगा, तो कार्रवाई करेंगे .
अनिल कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी