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कटाव को रोकेगी गेबियन, मई तक कार्य पूरा

पटना सिटी : गंगा तट के कटाव को रोकने के लिए गेबियन का इस्तेमाल कर बांध बांधने का काम आरंभ हुआ है. जल संसाधन विभाग की ओर से योजना को मूर्त रूप देने के लिए कंगन घाट पर कार्य आरंभ किया गया. ताकि बरसात के समय कटाव की स्थिति में गंगा घाट सुरक्षित रख सके, […]

पटना सिटी : गंगा तट के कटाव को रोकने के लिए गेबियन का इस्तेमाल कर बांध बांधने का काम आरंभ हुआ है. जल संसाधन विभाग की ओर से योजना को मूर्त रूप देने के लिए कंगन घाट पर कार्य आरंभ किया गया.
ताकि बरसात के समय कटाव की स्थिति में गंगा घाट सुरक्षित रख सके, वहीं कराये गये सौंदर्यीकरण कार्य को भी नुकसान नहीं पहुंचे. विभाग के लोगों की मानें तो योजना की सफलता को देखने के बाद मिट्टी कटाव रोकने के लिए अन्य गंगा घाटों पर यह कार्य कराया जायेगा. विभाग के कनीय अभियंता विकास कुमार गुप्ता व कुमार चंद्रकांत बताते है कि कंगन घाट में वाचवे से लेकर 180 मीटर अप में व 250 मीटर डाउन स्टीम में जीओ बैग गेबियन टू बनाते हुए स्लोपिंग कराया जायेगा. जिसका कार्य आरंभ हो गया है. कार्य का मूल उद्देश्य है मट्टिी का कटाव रोकना. ताकि कंगन घाट पर कराये गये सौंदर्य कार्य के तहत सीढ़ी व रेलिंग, सड़क आदि विकास कार्य सुरक्षित रह सके.
43 हजार बोरा का होगा इस्तेमाल
विभाग के एक करोड़ 96 लाख की इस योजना को मूर्त रूप देने का काम आरंभ कर दिया गया है. कनीय अभियंता विकास कुमार गुप्ता ने बताया कि एक प्लास्टिक के बैग में 126 किलो सफेद बालू को भर कर गेबियन (प्लास्टिक नुमा रस्सी ) से इसको बांधा जा रहा है. जो तीन छह मीटर चौड़ा होगा. मूल रूप से मिट्टी का कटाव रोकने के लिए इस योजना का इस्तेमाल किया जा रहा है. विभाग के अभियंता ने बताया कि निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 15 मई तक का समय निर्धारित है. इससे बरसात के दिनों में गंगा की मिट्टी का कटाव जलस्तर बढ़ने के बाद भी नहीं हो पायेगा, यह घाट को सुरक्षित रखेगा. स्थानीय लोगों ने बताया कि मिरचाई घाट से लेकर किला घाट के बीच कार्य कराना है.
गंगा तट के मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए पहले लोहे का एंगल बोल्डर व पत्थर से बांधने का काम होता था. इसी योजना के तहत नौजर घाट से लेकर खाजेकलां घाट के बीच कार्य भी कराया गया.
इसमें लोहे के जालीनुमा बोल्डर का इस्तेमाल कर पत्थर बांधा गया था, ताकि कटावा को रोका जा सके. लेकिन यह सफल नहीं रहा, मिट्टी का कटाव होता रहा. स्थिति यह थी कि अब भी पत्थर व बोल्डर की जाली गंगा तट को खतरनाक कर दिया है.
कंगन घाट का हुआ सौंदर्यीकरण कार्य
पर्यटन विभाग की ओर से कंगन घाट गंगा तट के सौंदर्य करण के लिए तीन करोड़ 34 लाख रुपये की योजना से कार्य कराया गया. इसके तहत कंगन घाट को 100 फीट चौड़ा सीढ़ी का नर्मिाण,65 फीट पिलिंथ से घाट का नर्मिाण कराया गया. जिसमें एक साथ यहां एक हजार से अधिक लोग स्नान कर सकेंगे. मार्ग के के सौंदर्यकरण कार्य व रोशनी की व्यवस्था की गयी. चबूतरा पर शेड बनाया गया. इसके अलावा गुबंद का नर्मिाण होना है. वहां सुरक्षा की दृष्टि से छह फीट ऊंचा स्टील रेलिंग लगवाने का कार्य भी कराया गया.

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