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बिहार में शिक्षा के लिए कुछ नहीं करने वाले अब कर रहे हैं राजनीति : सुशील मोदी

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट कर शिक्षा के मुद्दे को लेकर राजद पर जमकर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा है, एनडीए सरकार ने मेडिकल में स्नातक (यूजी) की सीटें 54,438 से बढ़ाकर 2016-17 में 65,183 और परास्नातक (पीजी) की सीटें […]

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज ट्वीट कर शिक्षा के मुद्दे को लेकर राजद पर जमकर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा है, एनडीए सरकार ने मेडिकल में स्नातक (यूजी) की सीटें 54,438 से बढ़ाकर 2016-17 में 65,183 और परास्नातक (पीजी) की सीटें 25, 346 से बढ़ा कर 36,703 कर दीं. तीन साल में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के 1 करोड़ छात्रों के खाते में सीधे स्काॅलरशिप की राशि ट्रांसफर की गयी. पहली बार नेशनल स्काॅलरशिप पोर्टल लांच कर 2 करोड़ छात्रों को जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार में शिक्षा के लिए कुछ नहीं कर पाये, वे अब राजनीति कर रहे हैं.

अपनेएक अन्यट्वीटमें सुशील मोदी ने लिखा है,लालू-राबड़ी के शासनकाल में शिक्षा चौपट हो चुकी थी और फिरौती-रंगदारी वसूली करने वाले गिरोहों को सत्ता का ऐसा संरक्षण प्राप्त था कि पुलिस का मनोबल टूट गया था. स्कूलों में न पढ़ाई होती थी, न अस्पतालों में दवाई मिलती थी. लाखों गरीबों को रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ा था. उस दौर के खलनायकों द्वारा शिक्षा में सुधार की बात करना बेमानी है.

सुशील मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, वर्ष 2005 में बिहार की पहली एनडीए सरकार के प्रयास से चाणक्य नेशनल ला यूनिवर्सिटी, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, बीआईटी मेसरा का पटना कैम्पस और आईआईटी पटना की शुरुआत की गयी. जिससे प्रतिभाशाली छात्रों के पलायन की विवशता समाप्त हुई. केंद्र की एनडीए सरकार ने तीन साल में 3.7 लाख स्कूली छात्रों को राष्ट्रीय निर्धनता-सह-मेधा छात्रवृत्ति प्रदान की. 15 साल में सिर्फ चरवाहा विद्यालय खोलवाने वाले किस मुंह से शिक्षा पर बोल रहे हैं?

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